Saturday, April 20, 2024
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1971: क्या लिखा था उस पत्र में, जिसमें पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने हार स्वीकारने के लिए किए थे हस्ताक्षर

पाकिस्तानी सेना के जरल एएके नियाजी ने लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोरा को जो आत्म समर्पण का पत्र सौंपा, उस अहम दस्तावेज को भी आपको पढ़ना चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 16, 2020 10:24 IST
पाकिस्तानी जनरल...- India TV Hindi
Image Source : TWITTER / @ADGPI पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने हार स्वीकारते हुए इस लेटर पर किए थे हस्ताक्षर, जानिए पत्र में क्या लिखा था

16 दिसंबर 1971 का दिन भारतीय सेना के अदम्य साहस और शौर्य की याद दिलाता है। यह दिन आतंकियों की पनाहगाह पाकिस्तान को भी याद दिलाता है कि बांग्लादेशियों पर ढाए अत्याचारों की उसे आज से 50 साल पहले क्या कीमत चुकानी पड़ी थी। 16 दिसंबर 1971, को पाकिस्तान के करीब 90,000 से ज्यादा सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। भारत ने युद्ध में विजय हासिल की। इसी विजय के जश्न में मनाया जाने लगा- ‘विजय दिवस’। लेकिन पाकिस्तानी सेना के जरल एएके नियाजी ने लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोरा को जो आत्म समर्पण का पत्र सौंपा, उस अहम दस्तावेज को भी आपको पढ़ना चाहिए। हम आपके सामने उसी आत्म समर्पण पत्र का हिंदी संस्करण पेश कर रहे हैं। 

पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने हार स्वीकारते हुए इस लेटर पर किए थे हस्ताक्षर, जानिए पत्र में क्या लिखा था

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पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने हार स्वीकारते हुए इस लेटर पर किए थे हस्ताक्षर, जानिए पत्र में क्या लिखा था

पाकिस्तान की ओर से सौंपा गया आत्म समर्पण पत्र

पाकिस्तान पूर्वी कमान बांग्लादेश में सभी पाकिस्तानी सशस्त्र बलों को पूर्वी भाग में भारतीय और बांग्लादेश की सेना के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोरा को सौंपने के लिए सहमत है। इस आत्मसमर्पण में पाकिस्तान की सभी भूमि, वायु और नौसेना बल और सभी अर्ध-सैन्य बल और नागरिक सशस्त्र बल शामिल हैं। ये बल अपने हथियार डालेंगे और उन स्थानों पर आत्मसमर्पण करेंगे जहां वे वर्तमान में लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोरा की कमान के सैनिकों के निकट मौजूद हैं।

इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर होते ही पाकिस्तान पूर्वी कमान लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोरा के आदेश के तहत आ जाएगी। आदेशों की अवहेलना को आत्मसमर्पण की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा और युद्ध के स्वीकृत कानूनों और उपयोगों के अनुसार निपटा जाएगा। लेफ्टिनेंट-जनरल जगजीत सिंह अरोरा का निर्णय अंतिम होगा, क्या आत्मसमर्पण की शर्तों के अर्थ या व्याख्या के रूप में कोई संदेह उत्पन्न होना चाहिए।

लेफ्टिनेंट- जनरल जगजीत सिंह अरोरा एक पूर्ण आश्वासन देते हैं कि आत्मसमर्पण करने वाले कर्मियों को गरिमा और सम्मान के साथ रखा जाएगा। ये सैनिक जिनेवा कन्वेंशन के प्रावधानों के हकदार हैं और यह कन्वेंशन आत्मसमर्पण करने वाले सभी पकिस्तान सैन्य और पैरा फोर्स की सुरक्षा और कल्याण की गारंटी देता है। लेफ्टिनेंट - जनरल जगजीत सिंह अरोरा की कमान के तहत विदेशी नागरिकों, पश्चिमी अल्पसंख्यकों और पश्चिमी पाकिस्तान मूल के कर्मियों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

हस्ताक्षर:

(जगजीत सिंह अरोरा) लेफ्टिनेंट-जनरल जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ इंडियन एंड बांग्लादेश फोर्सेज इन द ईस्टर्न थिएटर

(अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी) लेफ्टिनेंट-जनरल मार्शल लॉ एडमिनिस्ट्रेटर ज़ोन बी और कमांडर ईस्टर्न कमांड (पाकिस्तान)

16 दिसंबर 1971 "

पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने हार स्वीकारते हुए इस लेटर पर किए थे हस्ताक्षर, जानिए पत्र में क्या लिखा था

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पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने हार स्वीकारते हुए इस लेटर पर किए थे हस्ताक्षर, जानिए पत्र में क्या लिखा था

यह दस्तावेज़ दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में देखा जा सकता है 

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