Wednesday, December 10, 2025
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Air India Plane Crash: हादसे के वक्त विमान का लैंडिंग गियर लीवर DOWN था, क्या है इसका मतलब, जानें सबकुछ

अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के मामले में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरों न अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट को जारी किया है। इस बीच कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि विमान का लैंडिंग गियर लीवर डाउन है। चलिए बताते हैं कि इसका मतलब क्या होता है।

Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Jul 12, 2025 11:14 am IST, Updated : Jul 12, 2025 11:14 am IST
Air India Plane Crash At the time of the accident the landing gear lever of the plane was DOWN what - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV हादसे के वक्त विमान का लैंडिंग गियर लीवर DOWN था

नई दिल्ली: अहमदाबाद विमान हादसे को एक महीने हो चुके हैं। इस मामले की जांच कर रही विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 12 जून को हुए अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया हादसे के दौरान कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में इंजन फेल होने के दौरान दोनों पायलटों के बीच अहम बातचीत दर्ज है। इस विमान हादसे के बाद की एक तस्वीर अब सामने आई है, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि लैंडिग गियर लीवर 'DOWN' पोजिशन में है। ऐसे में कई लोग ये भी जानने चाहते होंगे कि आखिर इसके क्या मायने होते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं।

क्या होता है लैंडिग गियर लीवर?

किसी भी विमान में लैंडिंग गियर लीवर का 'DOWN' पोजीशन में होना एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीकी पहलू है, जो विमान के टेकआफ और लैंडिंग के दौरान अहम भूमिका निभाता है। लैंडिंग गियर विमान का वह महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसमें पहिए, स्ट्रट्स (struts) और अन्य सपोर्टिंग सिस्टम शामिल होते हैं। यह विमान के टेक-ऑफ, लैंडिंग और जमीन पर चलने (टैक्सीइंग) के दौरान सहारा देता है। लैंडिंग गियर को आमतौर पर "नीचे" (DOWN) या "ऊपर" (UP) किया जा सकता है, और इसे नियंत्रित करने के लिए कॉकपिट में एक लैंडिंग गियर लीवर होता है। 

लैंडिग गियर लीवर DOWN होने का क्या है मतलब?

लैंडिंग गियर लीवर जब DOWN पोजीशन में होता है तो इसका मतलब ये होता है कि पायलट ने लैंडिंग गियर को नीचे करने का आदेश दिया है। इसका ये भी मतलब होता है कि लैंडिंग गियर पूरी तरह बाहर है और लॉक पोजीशन में है। यह स्थिति आमतौर पर टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान इस्तेमाल होती है, क्योंकि इन चरणों में विमान को जमीन पर सपोर्ट चाहिए। लैंडिंग गियर जब नीचे होता है तो विमान जमीन पर सुरक्षित रूप से टैक्सी (चल सकता है), टेक ऑफ कर सकता है या फिर लैंड कर सकता है। 

किन परिस्थितियों में लैंडिग गियर लीवर होता है DOWN?

बता दें कि टेकऑफ के समय लैंडिंग गियर लीवर 'DOWN' पोजीशन में होता है। इसका ये मतलब होता है कि विमान अभी भी जमीन पर है और पहियों के सहारे रनवे पर दौड़ रहा है। जैसे ही विमान हवा में उठता है (rotate और climb-out के बाद) पायलट लैंडिंग गियर को ऊपर खींचने के लिए लीवर को "UP" पोजीशन में ले जाते हैं। इससे गियर विमान के अंदर स्टोर हो जाता है, जिससे हवाई प्रतिरोध (drag) कम होता है और फ्यूल की खपत बचती है। बता दें कि अगर टेकऑफ के तुरंत बाद लैंडिग गियर लीवर को "UP" नहीं किया गया, तो यह असमान्य स्थिति हो सकती है। उदाहरण के लिए अगर पायलट भूल जाएं या कोई तकनीकी खराबी हो, तो गियर नीचे रह सकता है, जिससे विमान की गति और ईंधन दक्षता पर असर पड़ता है।

बता दें कि लैंडिंग के दौरान या लैंडिंग से पहले पायलट लैंडिंग गियर लीवर को फिर से DOWN पोजीशन में ले जाते है। यह आमतौर पर लैंडिंग से 5 से 10 मिनट पहले किया जाता है, जब विमान उतरने यानी लैंडिंग की प्रक्रिया में होता है। लैंडिंग गियर को नीचे करने से विमान को जमीन पर सुरक्षित लैंड करने में मदद मिलती है। अगर गियर नीचे हैं है तो विमान को बेली लैंडिंग (पेट के बल लैंडिंग) करनी पड़ सकती है, जो कि बहुत ही खतरनाक प्रक्रिया है।

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