Tuesday, March 19, 2024
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बारिश के बावजूद बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में दिखा जवानों का हौसला, राष्ट्रपति और PM समेत बड़े नेता रहे मौजूद

इस सेरेमनी में देश की तीनों सेनाएं 29 शास्त्रीय धुनें बजा रही हैं। इसके साथ ही इस मौके पर देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो हो रहा है। इस ड्रोन शो में भारत में निर्मित 3500 ड्रोन शामिल हो रहे हैं।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 29, 2023 19:12 IST
विजय चौक पर शुरू हुई...- India TV Hindi
Image Source : ANI विजय चौक पर शुरू हुई बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के बाद परेड की समाप्ति के तौर पर होने वाली बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी विजय चौक पर शुरू हो गई है। इस सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। तीनों सेनाओं के प्रमुख भी समारोह में मौजूद रहे। इस सेरेमनी में देश की तीनों सेनाएं 29 शास्त्रीय धुनें बजाईं। 

'बीटिंग द रिट्रीट' सेरेमनी में तीनों सेनाओं, राज्य पुलिस और CAPF के संगीत बैंड द्वारा 29 धुनों को बजाया गया। समारोह की शुरुआत अग्निवीर धुन के साथ हुई। सेना और पुलिस बल ने 'अल्मोड़ा', 'केदारनाथ', 'संगम दूर', 'सतपुड़ा की रानी', 'भागीरथी', 'कोंकण सुंदरी' जैसी धुनें बजाईं। वायु सेना के बैंड ने 'अपराजेय अर्जुन', 'चरखा', 'वायु शक्ति', 'स्वदेशी' धुन बजाईं। वहीं नौसेना के बैंड 'एकला चलो रे', 'हम तैयार हैं' और 'जय भारती' की धुनें बजाईं। वहीं इंडियन आर्मी के बैंड ने 'शंखनाद', 'शेर-ए-जवान', 'भूपाल', 'अग्रणी भारत', 'यंग इंडिया', 'कदम कदम बढ़ाए जा', 'ड्रमर्स कॉल' और 'ऐ मेरे वतन के' धुन बजाईं। कार्यक्रम का समापन 'सारे जहां से अच्छा' की धुन के साथ हुआ।

हर वर्ष 29 जनवरी को होती है बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 

बीटिंग द रिट्रीट समारोह हर साल 29 जनवरी को होता है। गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन बीटिंग द रिट्रीट के साथ होता है, जो विजय चौक पर होता है। शाम के समय समारोह के भाग के रूप में झंडे उतारे जाते हैं। बीटिंग द रिट्रीट के दौरान राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और संसद भवन सभी को रोशनी से सजाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के बाद क्यों होती है बीटिंग द रिट्रीट ?

बता दें कि बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी सेना की बैरक वापसी का प्रतीक माना जाता है। इस समारोह में भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि होते हैं। राष्ट्रपति के आते ही उन्हें नेशनल सैल्यूट देकर राष्ट्रगान जन-गण-मन शुरू होता है, तिरंगा फहराया जाता है। इसके बाद तीनों सेनाओं के बैंड मिलकर पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। तीनों सेना के बैंड वादन के बाद रिट्रीट का बिगुल बजता है। इसके बाद बैंड मास्‍टर राष्‍ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापस ले जाने की इजाजत मांगते हैं। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में होने वाले कार्यक्रमों का आधिकारिक रूप से समाप्त माने जाते हैं। 

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