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चुनाव में किसी प्रत्याशी की जमानत कैसे जब्त हो जाती है, कितने का लगता है चूना? जानें कहां जाता है ये पैसा

किसी भी चुनाव परिणाम के समय प्रत्याशी की जमानत जब्त होने की खबरें आती हैं। नतीजों के बाद कई उम्मीदवारों की जमानत जब्त की जाती है लेकिन इसके पीछे कारण होता है। आप जानते हैं कि क्या और कब होती है जमानत जब्त?

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Feb 08, 2025 10:53 IST, Updated : Feb 08, 2025 10:54 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर
Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज होना है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी और आज नतीजे घोषित हो रहे हैं। हालांकि, चुनावी प्रक्रिया केवल मतदान और नतीजों तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसमें कई कानूनी प्रावधान भी होते हैं, जिनमें से एक है जमानत जब्त होने का प्रावधान। किसी भी चुनाव परिणाम के समय प्रत्याशी की जमानत जब्त होने की खबरें आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा होता क्यों है? चलिए जानते हैं।

जमानत क्या होती है?

आपको बता दें कि प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए एक तय रकम चुनाव आयोग के पास जमा करनी होती है। इस राशि को ‘जमानत राशि’ अथवा सिक्योरिटी डिपॉजिट कहते हैं। चुनाव आचरण नियम, 1961 (The Conduct Of Election Rules,1961) में इसकी व्यवस्था की गई है। विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 10 हजार रुपये और एससी-एसटी उम्मीदवार को  5 हजार रुपये जमा करने होते हैं।

क्यों होती है जमानत जब्त?

अगर प्रत्याशी चुनाव में कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट हासिल नहीं करता तो ये रकम जब्त हो जाती है। उस उम्मीदवार ने चुनाव आयोग के पास जो जमानत राशि जमा की है, उसे आयोग जब्त कर लेता है। इसी प्रक्रिया को चुनाव में जमानत जब्त होने की संज्ञा दी जाती है। अगर प्रत्याशी तय वोट (16.66% से ज्यादा वोट) हासिल कर लेता है तो उसे ये जमानत की राशि वापस कर दी जाती है। इसके अलावा कोई उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेता है या उसका नामांकन किसी कारण से रद्द होता है तो इस स्थिति में भी जमानत राशि वापस कर दी जाती है।

तो अब आपको पता चल गया होगा कि चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवार की जमानत जब्त की जाती है लेकिन इसके पीछे कारण होता है। यह एक प्रकार की फाइन होता है, जो यह तय करता है कि उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी को गंभीरता से ले और चुनावी प्रक्रिया में खिलवाड़ न करें।

कितना होता है नुकसान?

  • लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य कैटेगरी के उम्मीदवारों को 25000 रुपये जमानत राशि जमा करनी होती है जबकि एससी-एसटी कैंडिडेट को 12500 हजार रुपये देने होते हैं।
  • विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को जमानत राशि के तौर पर 10,000 रुपये और एससी-एसटी कैटेगरी के कैंडिडेट को 5000 रुपये की राशि जमा करनी होती है।

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