Friday, May 03, 2024
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उत्तराखंड में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

मंगलवार 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप का केंद्र नेपाल था, जहां इसकी वजह से कुछ घर भी गिर गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: October 05, 2023 6:46 IST
Earthquake, Uttarkashi, Uttarakhand- India TV Hindi
Image Source : FILE उत्तराखंड में भूकंप से कांपी धरती

नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार भूकंप आ रहा है। मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं अब उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी भूकंप आया है। भारतीय भूकंप केंद्र के अनुसार, गुरूवार रात लगभग 3:49 पर 3.2 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि यह झटके इतने तेज नहीं थे, जिससे कोई नुकसान हो सकता था, लेकिन फिर भी पिछले कुछ समय से लगातार आ रहे भूकंप ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। 

क्यों आते हैं भूकंप?

हाल के दिनों में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती के विभिन्न इलाकों में लगातार भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती रहती हैं। भारत का उत्तरी क्षेत्र हिमालय के करीब है। उत्तर भारत से पूर्वोत्तर भारत तक फैले हिमालय क्षेत्र में दो विशाल टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित होने के कारण भारत और नेपाल में भूकंप आते रहते हैं। इस कारण इसके झटके दिल्ली में भी महसूस होते हैं। 

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।

2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

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