Friday, March 29, 2024
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Black Money in Swiss Bank:पता चल गया स्विस बैंक में कालेधन के जमाकर्ताओं का नाम, स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंपी ये सूची

Black Money in Swiss Bank:भारत में कालेधन का मुद्दा लंबे समय से छाया रहा है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। स्विस में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से लेकर योग गुरु बाबा रामदेव तक ने बड़ा आंदोलन किया था।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 10, 2022 18:29 IST
Black Money in Swiss Bank- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Black Money in Swiss Bank

Highlights

  • कालेधन की वापसी को लेकर कई बार घिर चुकी है मोदी सरकार
  • सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और योग गुरु बाबा रामदेव कर चुके हैं काले धन के खिलाफ आंदोलन
  • भारत को धीरे-धीरे शर्तों के मुताबिक सूची सौंप रहा स्विट्जरलैंड

Black Money in Swiss Bank:भारत में कालेधन का मुद्दा लंबे समय से छाया रहा है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। स्विस में जमा कालेधन को वापस लाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से लेकर योग गुरु बाबा रामदेव तक ने बड़ा आंदोलन किया था, लेकिन अब तक कालेधन को वापल लाने में कामयाबी नहीं मिली थी। इसके लिए मोदी सरकार को लंबे समय से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा था। मगर अब स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंक में जमा कालेधन के जमाकर्ताओं की सूची भारत को सौंप दी है।

स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान व्यवस्था के तहत अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के बारे में लगातार चौथे साल जानकारी मिली है। स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 101 देशों के साथ करीब 34 लाख वित्तीय खातों का ब्योरा साझा किया है। अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित ब्योरा साझा किया गया है।

ये हैं काले धन की सूची में शामिल

स्विट्जरलैंड के अनुसार कुछ लोगों, कंपनियों और न्यासों के खाते शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान के तहत गोपनीयता के प्रावधान का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी नहीं दी, क्योंकि इसका आगे की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अधिकारियों ने कहा कि चोरी के संदिग्ध मामलों और धन शोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण समेत अन्य गड़बड़ियों की जांच में आंकड़ों का उपयोग किया जा सकेगा। संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नये क्षेत्र अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की शामिल किये गये हैं।

Black Money in Swiss Bank

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Black Money in Swiss Bank

74 देशों के साथ हुआ सूचना का आदान-प्रदान
वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख का इजाफा हुआ है। सूचना का आदान-प्रदान 74 देशों के साथ हुआ। इन देशों से स्विट्जरलैंड को भी सूचना प्राप्त हुई। लेकिन रूस समेत 27 देशों के मामले में कोई सूचना नहीं दी गई है। इसका कारण या तो इन देशों ने अभी तक गोपनीयता और आंकड़ों की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है अथवा उन्होंने आंकड़े प्राप्त नहीं करने का विकल्प चुना है। हालांकि, एफटीए ने 101 देशों के नामों और अन्य जानकारी का खुलासा नहीं किया है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि भारत उन देशों में प्रमुखता से शामिल है, जिसे लगातार चौथे साल स्विस वित्तीय संस्थानों में व्यक्तियों और संगठनों के खातों के बारे में सूचना दी गयी है। अधिकारियों के अनुसार, सूचना का आदान-प्रदान पिछले महीने हुआ और स्विट्जरलैंड अब अगले साल सितंबर में सूचना साझा करेगा।

कारोबारी से लेकर प्रवासी भारतीय तक शामिल
भारत को सबसे पहले स्विट्जरलैंड से सूचना के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के साथ सितंबर, 2019 में आंकड़े मिले थे। वह उस समय 75 देशों में शामिल था, जिसे सूचना उपलब्ध करायी गयी थी। पिछले साल, भारत सूचना प्राप्त करने वाले 86 देशों की सूची में शामिल था। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के लिए सूचना के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत प्राप्त आंकड़े उन लोगों के खिलाफ मजबूती से मामला चलाने को उपयोगी रहे हैं, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है। क्योंकि इससे जमा और धन के अंतरण के बारे में पूरा ब्योरा मिल जाता है। साथ ही प्रतिभूतियों और अन्य संपत्तियों में निवेश के जरिये प्राप्त कमाई समेत अन्य आय के बारे में जानकारी मिल जाती है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि ब्योरा प्रवासी भारतीयों समेत कारोबारियों से जुड़ा है।

पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी की साझा
ये प्रवासी अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में बस गये हैं। स्विट्जरलैंड लंबी प्रक्रिया के बाद भारत के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान को राजी हुआ था। इसमें भारत में आंकड़ों के संरक्षण और गोपनीयता को लेकर कानूनी ढांचे समेत अन्य चीजों की समीक्षा शामिल थी। साझा किये गये ब्योरे में पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है। इसमें नाम, पता, निवास वाले देश का नाम और कर पहचान संख्या के साथ-साथ खाते में राशि और पूंजीगत आय से संबंधित सूचना शामिल हैं।

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