Wednesday, April 24, 2024
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धर्म संसद पर RSS प्रमुख मोहन भागवत की दो टूक- ऐसी बातें हिंदुत्व की नहीं, सावरकर का किया जिक्र

संघ प्रमुख ने कहा, ‘यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा।’

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 07, 2022 10:52 IST
संघ प्रमुख मोहन भागवत- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO संघ प्रमुख मोहन भागवत

Highlights

  • ‘धर्म संसद’ नामक कार्यक्रम में दिए गए कुछ बयान ‘हिंदुओं के शब्द’ नहीं थे- मोहन भागवत
  • गर मैं कभी कुछ गुस्से में कहता हूं, तो यह हिंदुत्व नहीं है- संघ प्रमुख
  • आप इसे मानें या न मानें, यह हिंदू राष्ट्र है- मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि हाल में ‘धर्म संसद’ नामक कार्यक्रम में दिए गए कुछ बयान ‘हिंदुओं के शब्द’ नहीं थे और हिंदुत्व का पालन करने वाले लोग उनके साथ कभी सहमत नहीं होंगे। वह लोकमत के नागपुर संस्करण की स्वर्ण जयंती के अवसर पर लोकमत मीडिया समूह द्वारा आयोजित एक व्याख्यान शृखला में ‘हिंदुत्व और राष्ट्रीय एकीकरण’ विषय पर बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि धर्म संसद में दिए गए बयान हिंदुओं के शब्द नहीं थे। भागवत ने कहा कि अगर मैं कभी कुछ गुस्से में कहता हूं, तो यह हिंदुत्व नहीं है। संघ प्रमुख ने कहा, ‘यहां तक कि वीर सावरकर ने कहा था कि अगर हिंदू समुदाय एकजुट और संगठित हो जाता है तो वह भगवद् गीता के बारे में बोलेगा न कि किसी को खत्म करने या उसे नुकसान पहुंचाने के बारे में बोलेगा।’

देश के ‘हिंदू राष्ट्र’ बनने के रास्ते पर चलने के बारे में भागवत ने कहा, ‘यह हिंदू राष्ट्र बनाने के बारे में नहीं है। आप इसे मानें या न मानें, यह हिंदू राष्ट्र है।’ उन्होंने कहा कि संघ लोगों को विभाजित नहीं करता बल्कि मतभेदों को दूर करता है। उन्होंने कहा, ‘हम इस हिंदुत्व का पालन करते हैं।’

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