गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज में एक पुल के टूटने के बाद नीतीश सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। दावा किया जा रहा था कि ये वो सत्तर घाट पुल है जिसका पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था। हालांकि बिहार सरकार ने इन खबरों को पुरी तरह फर्जी करार दिया है। बिहार के चना एवं जन-सम्पर्क विभाग ने ट्वीट किया कि मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है।
जनसंपर्क विभाग ने बताया कि सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है।
IPRD बिहार के अनुसार, यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है। मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है बह पूर्णतः सुरक्षित है। पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस मामले पर बिहार सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है।