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Constitution Day: ''पहली बार वोटर बनने वाले युवा क्यों मनाए जश्न?'' PM मोदी ने संविधान दिवस पर पत्र लिखकर बताया

Constitution Day: संविधान दिवस के खास मौके पर PM मोदी ने देशवासियों के नाम लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने हमारे मौलिक कर्तव्यों, अधिकारों और पहली बार वोटर बने युवाओं के बारे में बात की।

Written By: Vinay Trivedi
Published : Nov 26, 2025 10:34 am IST, Updated : Nov 26, 2025 10:34 am IST
PM Modi Letter To Indians- India TV Hindi
Image Source : PTI संविधान दिवस पर PM मोदी का देशवासियों के नाम पत्र।

नई दिल्ली: आज 26 नवंबर है और यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तारीखों में से एक है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत गणराज्य ने इसी दिन अपना संविधान अपनाया था। इस खास मौके पर PM मोदी ने देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा है, जिसमें प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत का संविधान कितना महान है, हमारी जिंदगी में मौलिक कर्तव्यों का क्या महत्त्व है और जो लोग पहली बार मतदाता बने हैं, उन्हें इसका उत्सव क्यों मनाना चाहिए। इस आर्टिकल में पढ़िए, संविधान दिवस के खास मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों से क्या कहा।

PM मोदी ने अपने पत्र में क्या-क्या लिखा?

प्रधानमंत्री मोदी एक्स पर पोस्ट किया, ''संविधान दिवस पर मैंने देशभर के अपने परिवारजनों के नाम एक पत्र लिखा है। इसमें हमारे संविधान की महानता, जीवन में मौलिक कर्तव्यों का महत्त्व और हमें पहली बार मतदाता बनने का उत्सव क्यों मनाना चाहिए, ऐसे कई विषयों पर अपने विचार साझा किए हैं।''

संविधान की वजह से ही मिला PM बनने का मौका

इस पोस्ट के साथ पीएम मोदी ने एक अपने पत्र का लिंक भी साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, ''26 नवंबर हर भारतीय के लिए बहुत गौरवशाली दिन है। इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। इसलिए एक दशक पहले, साल 2015 में NDA सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। हमारा संविधान एक ऐसा पवित्र दस्तावेज है, जो निरंतर देश के विकास का सच्चा मार्गदर्शक बना हुआ है। ये भारत के संविधान की ही शक्ति है जिसने मुझ जैसे गरीब परिवार से निकले साधारण व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचाया है। संविधान की वजह से मुझे 24 वर्षों से निरंतर सरकार के मुखिया के तौर पर काम करने का अवसर मिला है। मुझे याद है, साल 2014 में जब मैं पहली बार संसद भवन में प्रवेश कर रहा था, तो सीढ़ियों पर सिर झुकाकर मैंने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को नमन किया। साल 2019 में जब चुनाव परिणाम के बाद मैं संसद के सेंट्रल हॉल में गया था, तो सहज ही मैंने संविधान को सिर माथे लगा लिया था।''

PM मोदी ने दिलाई मौलिक कर्तव्यों की याद

अपने पत्र में पीएम मोदी ने ये भी लिखा, ''हमारे संविधान का आर्टिकल 51A मौलिक कर्तव्यों को समर्पित है। ये कर्तव्य हमें सामाजिक और आर्थिक प्रगति प्राप्त करने का रास्ता दिखाते हैं। महात्मा गांधी ने हमेशा नागरिकों के कर्तव्यों पर बल दिया था। वे मानते थे कि जब हम ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, तो हमें अधिकार भी स्वत: मिल जाते हैं। हमें राष्ट्र के प्रति, समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना होगा। देश ने हमें कितना कुछ दिया है। इसके लिए हम सबके मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। जब हम इस भावना से जीवन जीते हैं, तो कर्तव्य अपने आप जीवन का स्वभाव बन जाता है। अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए हमें अपने हर काम को पूरी क्षमता और पूरी निष्ठा से करने का प्रयास करना होगा। हमारा हर कार्य संविधान की शक्ति बढ़ाने वाला हो। हमारा हर कार्य देशहित से जुड़े उद्देश्यों को पूरा करने वाला हो। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने का दायित्व हम सबका है। जब हम अपने काम को कर्तव्य की भावना के साथ करेंगे तो देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति कई गुना बढ़ जाएगी।''

पहली बार मतदाता बने हैं तो मनाए जश्न

पीएम मोदी ने लिखा, ''संविधान ने हमें मतदान का अधिकार दिया है। एक नागरिक के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि मतदान का कोई अवसर छोड़े नहीं। हमें 26 नवंबर को स्कूलों में, कॉलेजों में उन युवाओं के लिए विशेष सम्मान समारोह आयोजित करने चाहिए, जो 18 वर्ष के हो रहे हैं। हमें उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वे अब केवल छात्र या छात्रा नहीं, बल्कि नीति निर्माण की प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी हैं। स्कूलों में हर वर्ष 26 नवंबर को फर्स्ट-टाइम वोटर्स का सम्मान करने की परंपरा विकसित होनी चाहिए। जब हम इस तरह युवाओं में जिम्मेदारी और गर्व का भाव जगाएंगे, तो वे जीवनभर लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति समर्पित रहेंगे। यही समर्पण एक सशक्त राष्ट्र की नींव बनता है।''

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