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'यह पारिवारिक मामला है, हमने सुलझा लिया', बीजेपी से संबंध को लेकर RSS का बड़ा बयान

केरल में आयोजित तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब संघ बीजेपी से जुड़े जेपी नड्डा के बयान का जिक्र किया गया तो सुनील आंबेकर ने कहा कि यह परिवार का मामला है, हमने सुलझा लिया है।

Reported By : Yogendra Tiwari Edited By : Niraj Kumar Published : Sep 02, 2024 20:02 IST, Updated : Sep 03, 2024 0:05 IST
Sunil ambekar, RSS- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सुनील आंबेकर, आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख

पलक्कड़ (केरल):  लोकसभा चुनावों के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के संबंधों पर जेपी नड्डा के बयान को लेकर संघ का कहना है कि यह परिवार का मामला है और इसे सुलझा लिया गया है। परिवार में सबकुछ ठीक ठाक है।  ऑल इज वेल। केरल में आयोजित तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद यहां मीडिया को संबोधित करते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने यह बात कही। 

कई अहम मुद्दों पर चर्चा

सुनील आंबेकर ने कहा कि तीन दिनों तक हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के दौरान हिंदुओं पर हुए हिंसात्मक हमले पर गहन चर्चा हुई ,साथ-साथ महिलाओं के सुरक्षा एक अहम विषय था, कोलकाता में डॉक्टर का रेप एंड मर्डर इस विषय पर भी चर्चा की गई, महिला डॉक्टर पर हुए अत्याचार के अलावा अन्य राज्यों में भी इस तरीके की जो घटनाएं बढ़ रही है उसे पर भी चर्चा की गई इस पर कैसे अंकुश लगाया जाए इस पर गहन मंत्रणा की गई। 

जाति जनगणना का राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल न हो

वहीं जाति जनगणना को लेकर भी संघ की ओर से कहा गया कि  उसे विशेष समुदायों या जातियों के आंकड़े एकत्र करने पर कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते इस जानकारी का उपयोग उनके कल्याण के लिए हो, ना कि चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक औजार के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि जाति और जाति-संबंध हिंदू समाज के लिए एक ‘बहुत संवेदनशील मुद्दा’ है और यह ‘हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता’ के लिए भी अहम है। न्होंने कहा, ‘‘इससे ‘बहुत गंभीरता से’ निपटा जाना चाहिए।  

सभी के लिए एक लक्ष्मण रेखा

आंबेकर ने कहा, ‘‘इसलिए, जैसा कि आरएसएस का मानना है, हां, निश्चित रूप से सभी कल्याणकारी गतिविधियों के लिए, विशेष समुदाय या जाति से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये जो पिछड़ रहे हैं, क्योंकि कुछ समुदायों और जातियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिए, इसके वास्ते सरकार को आंकड़ों की आवश्यकता है। यह कवायद बहुत अच्छे तरीके से की जाती है। इसलिए, सरकार आंकड़े एकत्र करती है। पहले भी उसने आंकड़े एकत्र किये हैं। इसलिए, वह ले सकती है। कोई समस्या नहीं है।’’ आंबेकर ने कहा, ‘‘लेकिन यह केवल उन समुदायों और जातियों के कल्याण के लिए होना चाहिए। इसे चुनाव प्रचार के लिए एक राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए हमने सभी के लिए एक लक्ष्मण रेखा तय की है।’(इनपुट-एजेंसी)

 

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