Sunday, May 05, 2024
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BSP आंदोलन का समर्थन करती है, लेकिन इसमें हुई हिंसा को जायज नहीं ठहराती: मायावती

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों से जो अधिकार पिछड़े और दलित वर्ग को मिले हैं, बीजेपी उन्हें छीनना चाहती है...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 02, 2018 20:40 IST
BSP supports protest against dilution of SC/ST Act but condemns violence, says Mayawati | PTI Photo- India TV Hindi
BSP supports protest against dilution of SC/ST Act but condemns violence, says Mayawati | PTI Photo

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून, 1989 को निष्प्रभावी बनाने के खिलाफ देश भर में व्यापक आक्रोश है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों से जो अधिकार पिछड़े और दलित वर्ग को मिले हैं, बीजेपी उन्हें छीनना चाहती है। मायावती ने हालांकि प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को नाजायज ठहराते हुए उसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, ‘बसपा आंदोलन का समर्थन करती है, लेकिन इस दौरान हुई हिंसा को जायज नहीं ठहराती।’

‘केंद्र ने मजबूर होकर दाखिल की पुनर्विचार याचिका’

मायावती ने कहा कि ‘भारत बन्द’ जैसे आंदोलनों की तीव्रता से मजबूर होकर ही केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में काफी देर से आज पुनर्विचार याचिका दाख़िल की गई। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयास केवल दिखावटी, नुमाइशी एवं गुमराह करने वाला नहीं होना चाहिए बल्कि पूरी तैयारी एवं मज़बूती से मामले की प्रस्तुति करके SC/ST ऐक्ट को दोबारा उसे उसके असली रूप में तत्काल बहाल कराना चाहिए। मायावती ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सम्बंधित मामले में समय पर उचित कार्रवाई करती तो आज ’भारत बन्द’ की नौबत ही नहीं आती और ना ही कुछ ग़ैर-आन्दोलनकारी असामाजिक तत्वों को सरकारी लापरवाही के कारण आगजनी व हिंसा आदि करने का मौका मिलता। मायावती ने कहा कि कुछ जातिवादी लोग दलित और पिछड़े लोगों की आड़ में इस आंदोलन को हिंसक बना रहे हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

‘पिछड़ा और दलित विरोधी हैं नरेंद्र मोदी’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पिछड़ा और दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क का ही परिणाम है कि आज लोग सड़क पर उतरे हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘आरक्षण खत्म करने के लिए भाजपा सरकार सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटाइजेशन करती जा रही है, इसीलिए हम प्राइवेट संस्थानों में भी दलित और पिछड़ों को आरक्षण की लगातार मांग कर रहे हैं।’ मायावती ने कहा कि वह संसद में नहीं हैं तो क्या हुआ, संसद के बाहर की हमारी राजनीति और जीवन संघर्ष मोदी सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर करती रहेगी। गौरतलब है कि SC/ST ऐक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे देश में दलित संगठनों द्वारा सोमवार को भारत बंद का आयोजन किया गया। इसका व्यापक असर पूरे देश में देखने को मिला है।

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