Friday, April 19, 2024
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Kanpur Encounter: शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार को देंगे ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता और एक सरकारी नौकरी- सीएम योगी

kanpur Encounter: मृतकों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डीएसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह (32), उप निरीक्षक नेबू लाल (48), कांस्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 03, 2020 17:47 IST
Kanpur encounter: Uttar Pradesh Kanpur News cm yogi offers 1 Crore Help and Govt Job to Martyr Polic- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/ANI Kanpur Encounter: शहीद पुलिसकर्मियों को सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि, हर परिवार को ₹1 करोड़ की सहायता और सरकारी नौकरी

कानपुर. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कानपुर में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस घटना के जिम्मेदार अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा, हम पुलिसकर्मियों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि सरकार की तरफ से इन शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी व असाधारण पेंशन भी दी जाएगी। आर्थिक सहायता के रूप में सीएम योगी ने पुलिसकर्मियों के परिवार के लोगों को एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया।

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कानपुर जिले के चौबेपुर में बृहस्पतिवार रात अपराधियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गयी तथा पांच पुलिस कर्मी, एक होमगार्ड जवान और एक आम नागरिक घायल हो गये। इस घटना के बाद शुक्रवार सुबह फरार अपराधियों की तलाश में जुटी कानपुर पुलिस ने एक अन्य मुठभेड़ में दो बदमाशों को मार गिराया। अपराधियों के साथ मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुये हमला बोल दिया है।

पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक देर रात हुई मुठभेड़ में अपराधी पुलिस कर्मियों के हथियार भी छीन ले गये जिनमें एके 47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लाक पिस्टल तथा दो नाइन एमएम पिस्तौल शामिल है । पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह मारे गये दो अपराधियों में से एक के पास से पुलिस से लूटा गया एक हथियार बरामद कर लिया गया है। कुछ आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं जिनकी तलाश पुलिस के साथ एसटीएफ भी कर रही है।

पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि चौबेपुर थाने के दिकरू गांव में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार देर रात पुलिस टीम गयी थी। दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस दल जैसे ही दुबे के छिपने के ठिकाने पर पहुंचा, अचानक छत से गोलियों की बौछार शुरू हो गयी और पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कांस्टेबल की इस गोलीबारी में मौत हो गयी।

कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने ''भाषा'' को घटनास्थल से फोन पर बताया, '' कल रात की घटना के बाद निवादा के पास भागे अपराधियों के साथ हुयी एक अन्य मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गये है, जिनकी पहचान प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे के रूप में हुई है । रात में शहीद पुलिस कर्मियों से लूटे गये चार हथियारों में से एक पिस्तौल शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मारे गये एक अपराधी के पास से बरामद हो गयी है ।''

उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह हुयी मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल हुये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर कानपुर में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि सात घायलों में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक हैं। घायलों में थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल है । इससे पहले आईजी अग्रवाल ने बताया कि फरार अपराधियों के पीछे पुलिस लगी हुई है । जल्द ही वे भी पुलिस की गिरफत में होंगे। सर्च आपरेशन जारी है।

पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है और उस पर 60 मुकदमे दर्ज हैं । पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस विकास दुबे के गांव में उसे गिरफतार करने गयी थी, क्योंकि उसके खिलाफ चौबेपुर के जदेपुर घरसा गांव के राहुल तिवारी ने थाने में मामला दर्ज कराया था । तिवारी ने विकास और चार अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था।

मृतकों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डीएसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह (32), उप निरीक्षक नेबू लाल (48), कांस्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।

एसटीएफ महानिरीक्षक अमिताभ यश ने संवाददाताओं को बताया कि राजधानी में एसटीएफ ने 2017 में जब दुबे को गिरफ्तार किया था तो उसके पास से आटोमेटिक 30 स्प्रिंग रायफल बरामद हुई थी। बाद में यह आटोमेटिक रायफल लखनऊ की अदालत ने किसी के सुपुर्द कर दी थी। यह रायफल पुलिसकर्मी पर हमले में इस्तेमाल की गयी थी। यश ने कहा कि इस बात की भी जांच होगी कि यह रायफल किसी अन्य को किन परिस्थितियों में अदालत द्वारा सुपुर्द की गयी। दुबे के ऊपर 25 हजार रूपये का इनाम घोषित था। उसे एसटीएफ ने कृष्णानगर इलाके से 2017 में गिरफ्तार किया था।

सूत्रों के अनुसार दुबे ने 2001 में राज्य मंत्री स्तर के एक भाजपा नेता की पुलिस थाने के अंदर घुसकर कथित तौर पर हत्या भी की थी। डीजीपी ने बताया कि दबिश डालने के लिए दिकरु गाँव पुलिस पार्टी पहुंची जहां पुलिस को रोकने के लिए अपराधियों ने पहले से ही जेसीबी आदि लगा कर के रास्ता रोक दिया था । पुलिस दल के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से पुलिस टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें पुलिस के आठ लोग शहीद हो गए।

With input from Bhasha

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