Friday, April 19, 2024
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भाजपा सरकारों की निरंकुशता पर न्यायपालिका का हस्तक्षेप जरूरी : मायावती

मायावती ने शुक्रवार को केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि गरीब, किसान व जनविरोधी नीतियों व गलत कार्यप्रणाली के विरुद्ध जनाक्रोश को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए इसमें न्यायपालिका का हस्तक्षेप जरूरी हो गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 06, 2017 23:40 IST
Mayawati- India TV Hindi
Image Source : PTI Mayawati

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि गरीब, किसान व जनविरोधी नीतियों व गलत कार्यप्रणाली के विरुद्ध जनाक्रोश को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए इसमें न्यायपालिका का हस्तक्षेप जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार व भाजपा की अन्य सरकारें कानून का अनुचित उपयोग कर लोगों पर विभिन्न प्रकार का मुकदमा कायम कर सरकारी निरंकुशता को अपना नया हथियार बना रही हैं। यह लोकतंत्र की हत्या करने के प्रयास के समान है, बीएसपी इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।

मायावती ने अपने एक बयान में कहा कि भाजपा शासित राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, गुजरात व राजस्थान में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने पर विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज करने की नई परंपरा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है। यह कृत्य भाजपा सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति को साबित करता है। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर मुंह खोलने वाले दक्षिण भारत के मशहूर अभिनेता प्रकाश राज पर मुकदमा व शामली, उत्तर प्रदेश में दलित युवक की गिरफ्तारी साबित करती है कि भाजपा सरकार निरंकुश होती चली जा रही है।

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने दूरदर्शन व आकाशवाणी को 'हिज मोदी वॉयस' बनाकर उसका महत्व ही लगभग खत्म कर दिया है, जबकि प्राइवेट मीडिया चैनलों पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण कर उसकी स्वतंत्रता को खत्म करने का प्रयास भी लगातार जारी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि आज निष्पक्ष व स्वतंत्र विचार रखने वाले लेखकों, साहित्यकारों व पत्रकारों को अलग-अलग ढंग से निशाना बनाया जा रहा है, जो किसी से भी छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सब ऐसी घातक प्रवृत्ति है, जिससे लोकतंत्र को खतरा पैदा होता चला जा रहा है। इस मामले में न्यायपालिका का हस्तक्षेप जरूरी समझा जाने लगा है।

मायावती ने कहा, "बीजेपी एंड कंपनी व आरएसएस की संकीर्ण एवं घातक सोच का ही परिणाम है कि भाजपा सरकार के मुखिया की गलत नीतियों के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त करने पर सरकारी निरंकुशता के तहत उसे जेल भेज दिया जाता है, जबकि खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाने वालों व अन्य संगीन अपराध करने वाले भाजपाई तत्वों के सात खून माफ कर दिए जाते हैं।" उन्होंने कहा कि बीजेपी एंड कंपनी के लोग अपने आपको कानून व संविधान से ऊपर समझने लगे हैं, जिसके खिलाफ संघर्ष व लोगों का जागरूक होना जरूरी है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था की स्थिति पर अब तो राज्यपाल ने भी नाराजगी जाहिर कर दी है और इसे सुधारने की खुली सलाह दी है।

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