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झारखंड की लड़ाई जीतने के लिए BJP ने बनाई बड़ी रणनीति! चुनावी मैदान में उतर सकते हैं ये नेता

लोकसभा चुनावों में आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित पांचों सीटें हारने के बाद बीजेपी ने झारखंड के लिए एक अलग रणनीति बनाई है और इसके तहत वह सूबे में कई दिग्गज आदिवासी नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतार सकती है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Jul 02, 2024 14:53 IST, Updated : Jul 02, 2024 14:53 IST
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Image Source : PTI FILE बीजेपी झारखंड में इस बार कई बड़े आदिवासी नेताओं को मैदान में उतार सकती है।

रांची: भारतीय जनता पार्टी झारखंड में 3 से 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्रियों सहित राज्य में बड़े कद वाले आदिवासी नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी 2.0 सरकार में जनजातीय मामलों और कृषि विभाग के मंत्री रहे अर्जुन मुंडा, मोदी 1.0 सरकार में राज्य मंत्री रहे सुदर्शन भगत, बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव, पूर्व IPS डॉ. अरुण उरांव, पूर्व सांसद गीता कोड़ा एवं सुनील सोरेन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी जैसे नेताओं को उम्मीदवार बनाया जाना तय माना जा रहा है।

पांचों ST सीटों पर हुई थी बीजेपी की हार

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी खुद मैदान में मोर्चा संभाल सकते हैं। बता दें कि 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने आदिवासी सीटों पर खास प्रदर्शन नहीं किया था। हाल के लोकसभा चुनाव में भी आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी 5 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही पार्टी आदिवासी मतदाताओं के बीच पैठ बढ़ाने की रणनीति पर लगातार काम कर रही है। पार्टी का मानना है कि बड़े कद वाले आदिवासी नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने से उनकी सीटों के साथ-साथ आसपास की सीटों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

झारखंड में लंबा वक्त गुजार सकते हैं शिवराज

माना जा रहा है कि इस महीने ही यह फैसला हो जाएगा कि ये नेता किन सीटों से चुनाव लड़ेंगे। राज्य में इस बार चुनावी लड़ाई को बीजेपी कितनी गंभीरता से ले रही है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि रणनीति की कमान राष्ट्रीय स्तर के 2 दिग्गज नेताओं शिवराज सिंह चौहान और हिमंत विश्व शर्मा को सौंपी गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, संसद का सत्र समाप्त होने के बाद शिवराज सिंह चौहान यहां लंबे समय तक कैंप करेंगे। उनका राज्य के सभी प्रमंडलों में दौरा और कार्यकर्ता समागम का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।

2 बार झारखंड आ चुके हैं हिमंत विश्व शर्मा

हिमंत विश्व शर्मा भी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से दायित्व मिलने के बाद 2 बार झारखंड आ चुके हैं। उन्होंने राज्य के बड़े आदिवासी नेताओं से उनके आवास पर जाकर व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की है और उनके साथ विमर्श कर आदिवासियों से जुड़े उन मुद्दों को समझा है, जिनका चुनाव पर असर पड़ सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि झारखंड विधानसभा चुनावों में इस बार कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। (IANS)

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