Friday, March 29, 2024
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अमेरिका: स्पेलिंग बी चैंपियनशिप पर लगातार 11वें साल भारतीय मूल के बच्चों का कब्जा

नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भारतीय मूल के बच्चों ने लगातार 11वें साल कब्जा जमाया है। कार्तिक नेमानी ने 2018 का चैंपियनशिप अंतिम दौर में 5 अन्य को पछाड़ कर अपने नाम किया...

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 02, 2018 19:50 IST
United States: Texas teen Karthik Nemmani wins National Spelling Bee | PTI- India TV Hindi
United States: Texas teen Karthik Nemmani wins National Spelling Bee | PTI

न्यूयॉर्क: भारतवंशी आज पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। दुनिया का शायद ही कोई ऐसा बड़ा मुल्क होगा, जहां भारतीय मूल के लोगों ने अपनी प्रतिभा की छाप न छोड़ी हो। ताजा मामला अमेरिका का है, जहां नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में भारतीय मूल के बच्चों ने लगातार 11वें साल कब्जा जमाया है। कार्तिक नेमानी ने 2018 का चैंपियनशिप अंतिम दौर में 5 अन्य को पछाड़ कर अपने नाम किया। नायसा मोदी (12) द्वारा 'बीवट्ससिनस्लेज' शब्द का सही स्पेलिंग नहीं बता पाने के बाद नेमानी (14) ने 'कोईनोनिया' शब्द की सही स्पेलिंग बताकर यह प्रतियोगिता जीत ली। नेमानी ने कहा, ‘विजेता बनने का सपना मैं कई सालों से देख रहा था।’

वह ईडब्ल्यू स्क्रिप्स मीडिया समूह द्वारा प्रायोजित स्क्रिप्स बी की ओर से 40,000 डॉलर और एक ट्रॉफी के अलावा शब्दकोष प्रकाशक मरियम-वेबस्टर की ओर से 2,500 डॉलर नकद पुरस्कार घर ले गए। पिछले सप्ताह भारतीय मूल के वेंकट रंजन ने 2 अन्य प्रतिभागियों को हराकर नेशनल ज्योग्राफिक बी प्रतियोगिता जीती थी। विजेता को इनाम के तौर पर 50,000 डॉलर की छात्रवृत्ति दी गई। बच्चों के भूगोल के ज्ञान की परीक्षा लेने वाले इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर अनुष्का बुद्धिकोट और तीसरे स्थान पर विशाल सारेड्डी रहे। इस साल सबसे ज्यादा 515 प्रतियोगियों ने नेशनल स्पेलिंग बी चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता का आयोजन वॉशिंगटन के ऑक्सन हिल में हुआ। स्पोर्ट्स चैनल ईएसपीएन पर इसका प्रसारण हुआ। भारतीय मूल के बच्चे लगातार 11 सालों से स्पेलिंग बी चैंपियनशिप जीत रहे हैं, जिसकी शुरुआत 2008 में समीर मिश्रा की जीत के साथ शुरू हुई थी। साल 1985 में बालू नटराजन स्पेलिंग बी चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतवंशी बने थे। नेमानी के चचेरे भाई श्रीवत्सव ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन अंतिम दौर तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा, ‘मैं जानता था कि वह इस प्रतियोगिता को जीतेगा। वह घंटों और अनगिनत घंटों तक लगातार पढ़ता रहता है।’

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