Saturday, December 14, 2024
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MP: झोले में सरकारी सिस्टम! डॉक्टर की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, परिजन 'झोले' में लेकर घूम रहे बच्चे का शव

मध्य प्रदेश के बैतूल जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके हैं। यहां आने वाले मरीज और तीमारदार अस्पताल के प्रशासन और लापरवाही से परेशान हैं। इलाज की लापरवाही के चलते जच्चे-बच्चे की मौत के बाद अब अस्पताल के बाहर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Jul 30, 2024 15:54 IST, Updated : Jul 30, 2024 17:54 IST
बैतूल जिला अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करते परिजन- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV बैतूल जिला अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करते परिजन

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में सरकारी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बैतूल जिला अस्पताल की खराब स्वास्थ्य समस्या से सभी लोग परेशान हैं। दो दिन पहले जिला अस्पताल में एक प्रसूता ने डिलीवरी के बाद दम तोड़ दिया था। सोमवार को एक और जच्चा-बच्चा की जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल की लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हुई है। 

शिशु के शव को झोले में रखकर किया प्रदर्शन 

इस मामले में मृत महिला के परिजनों ने नर्स पर हाथ बांधकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। नाराज लोगों ने मरे हुए नवजात शिशु के शव को झोले में रखकर प्रदर्शन भी किया। अस्पताल में विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर प्रशासन हरकत में आ गया। डिप्टी कलेक्टर मकसूद खान ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। 

नवजात के मौत की बाद महिला की भी चली गई जान

उन्होंने बताया कि प्री मैच्योर डिलेवरी हुई थी, जिसमें बच्चा मृत पैदा हुआ। कुछ देर बाद महिला की भी मौत हो गई। पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। दोनों के शवों का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से करवाया जा रहा है। 

अस्पताल में रोते-बिलखते परिजन

Image Source : INDIA TV
अस्पताल में रोते-बिलखते परिजन

नर्स ने की मारपीट और प्रसूता के बांधे हाथ

घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के डांगवा ग्राम की प्रसूता सुमंत्रा कास्देकर आदिवासी को परिजन डिलीवरी के लिए अस्पताल लाये थे, जहां से उसे बैतूल जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। जिला अस्पताल में मृतका की मां सुशीला बाई ने बताया कि प्रसूता के साथ डिलीवरी कराने वाली नर्स ने मारपीट की और हाथ बांध दिए थे। इसके बाद उसकी डिलीवरी हुई। बच्चा मृत पैदा हुआ। नर्स ने मृत बच्चे को एक थैले में रखकर परिजनों को सौंप दिया था।

डॉक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप

महिला के पति अर्जुन कास्तेदकर ने बताया कि कि डिलीवरी के बाद प्रसूता की उनकी पत्नी की हालत और बिगड़ गई। 2 घण्टे बाद उसकी भी मौत हो गई। उन्होंने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए है। सोमवार दोपहर से परिजन मृतका के पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में ही नवजात के शव को झोले में लेकर घूमते रहे। मंगलवार को परिजन के हंगामे के बाद डिप्टी कलेक्टर एवं पुलिस फोर्स जिला चिकित्सालय पहुंच गया था। डिप्टी कलेक्टर ने जिला अस्पताल पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की। परिजनों ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम नहीं कराने की मांग की और पूरे मामले की वीडियो रिकार्डिंग की मांग की है। 

स्थानीय प्रशासन ने शुरू की मामले की जांच

बैतूल के डिप्टी कलेक्टर मकसूद खान ने कहा कि महिला का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की पैनल से कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण स्पष्ट हो जाएंगे। परिजनों ने ज्ञापन दिया है उसकी जांच की जा रही है।

बैतूल से मयंक भार्गव की रिपोर्ट

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