Friday, April 26, 2024
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Maharashtra Crisis: 'सरकार के गठन पर एकनाथ शिंदे लेंगे निर्णय, उद्धव का त्यागपत्र खुशी की बात नहीं' जानिए क्या बोले बागी नेता

Maharashtra Crisis: उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर शिवसेना के बागी नेता दीपक केसरकर ने कहा कि उनका इस्तीफा हमारे लिए कोई खुशी की बात नहीं है। वे हमारे नेता थे। केसरकर ने कहा कि अब हम अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करके महाराष्ट्र के हित में जो फैसला होगा, वो लेंगे।

Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: June 30, 2022 10:09 IST
Eknath Shinde- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Eknath Shinde

Highlights

  • हिंदुत्व के मुद्दे पर हुई शिंदे की उद्धव सरकार से बगावत
  • शिंदे के घर के बाहर पटाखे चलाकर खुशियों का इजहार
  • बीजेपी खेमे में बांटी गई मिठाइयां

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे के सीएम पद से इस्तीफे के बाद राजनीतिक घमासान पर लगाम लगी है। इस्तीफे के बाद बीजेपी के खेमे में खुशी का माहौल है। देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि सरकार के गठन में अहम भूमिका एकनाथ शिंदे की होगी। उद्धव के इस्तीफे के बाद नई सरकार के गठन का फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे। उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर शिवसेना के बागी नेता दीपक केसरकर ने कहा कि उनका इस्तीफा हमारे लिए कोई खुशी की बात नहीं है। वे हमारे नेता थे। केसरकर ने कहा कि अब हम अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करके महाराष्ट्र के हित में जो फैसला होगा, वो लेंगे।

हिंदुत्व के मुद्दे पर हुई शिंदे की उद्धव सरकार से बगावत

एकनाथ शिंदे हिंदुत्व के मुद्दे पर ही उद्धव से बगावत करके अलग हुए और गुवाहाटी पहुंचे। उनकी हिंदुत्व की विचारधारा के साथ उद्धव सरकार के विधायक भी एक एक करके शामिल हो गए। केसरकर ने कहा कि उद्धव जब सीएम थे,तो उनसे मिलना तक मुश्किल हो जाता था। उन्होंने कहा कि वे एक विधायक होकर भी ठाकरे से 6 माह तक नहीं मिल सके। सीएम का दफ्तर विधायकों को उचित रिस्पॉन्स न​हीं देता था। हालांकि फिर भी उद्धव के प्रति हमारी निष्ठा है। 

बीजेपी खेमें में बांटी गई मिठाइयां

उधर, बीजेपी के खेमे उद्धव के इस्तीफे के बाद से खुशी का ​माहाल है। देवेंद्र फड़णवीस को मिठाई खिलाते नेताओं की तस्वीर भी सामने आई है। वहीं एकनाथ शिंदे के घर के बाहर पटाखे चलाकर खुशियों का इजहार किया गया और मिठाइयां भी बांटी गई। अब 1 जुलाई को फड़णवीस सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उद्धव ने सीएम पद के साथ विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल ने उद्धव का इस्तीफा स्वीकार करके अगली व्यवस्था तक कार्यवाहक सीएम बने रहने को कहा है। 

...ये कड़ियां जुड़ती गईं और उद्धव को देना पड़ा त्यागपत्र

महाराष्ट्र का घटनाक्रम हिंदुत्व के मुद्दे के ईर्दगिर्द घूमता है। जब उद्धव ने सीएम बनने के लिए महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस से हाथ मिलाया था, तभी से ही वह अपने हिंदुत्व के ट्रैक से ​हट गई थी। यह बात शिवसेना के कई नेताओं को ठीक नहीं लगी थी। कई नेताओं का यह मानना था कि उद्धव ने सीएम बनने की खातिर उस हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता किया, जिसके लिए उनके पिता बाला साहेब ने पूरी जिंदगी लड़ाई लड़ी थी। फिर दूसरी बात यह कि शिवसेना के 'अपने' लोगों की बजाय एनसीपी यानी शरद पवार और उनकी पार्टी को ज्यादा तवज्जो देना भी शिवसेना नेताओं को रास नहीं आया। कई नेताओं को उद्धव सरकार में तवज्जो नहीं मिलती थी। कई को तो उद्धव से मिलने का भी आसानी से मौका नहीं मिल पाता था। ये सब कड़ियां जब एकसाथ मिलीं तो उद्धव की कुर्सी चली गई और बीजेपी के लिए सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया।

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