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जानिए कैसी होती हैं इथेनॉल बेस्ड फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियां, आने वाले सालों में भारतीय सड़कों पर दे सकती हैं दस्तक

भारत सरकार अब इथेनॉल बेस्ड फ्लेक्स गाड़ियों को प्रमोट कर रही है। सरकार की कोशिश EV के साथ इथेनॉल की कारें मार्केट में लानी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आने वाले समय में कौन सी इथेनलॉल बेस्ड फ्लेक्स कार भारत में आने जा रही है।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Dec 14, 2022 18:27 IST, Updated : Dec 14, 2022 18:27 IST
जानिए क्या हैं इथेनॉल...- India TV Paisa
Photo:FILE जानिए क्या हैं इथेनॉल बेस्ड फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियां

सियाम और भारत सरकार के साथ साझेदारी कर मारुति सुजुकी ने हाल ही में एक प्रोटोटाइप फ्लेक्स-फ्यूल वैगन आर का प्रदर्शन किया था, जो इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल पर चलेगा। अब भारत सरकार ने 2023 से सभी कारों को इथेनॉल के लिए अनिवार्य करने की अपनी योजना को अंतिम रूप दे दिया है, सरकार की कोशिश 2025 तक सभी को इथेनॉल में बदलने की है।

फ्लेक्स-ईंधन वाहनों के लिए पहले से ही सरकार दे चुकी है टाइम

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि पेट्रोल इंजनों को 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल के साथ मेंडेटरी करने की आवश्यकता है, वहीं सरकार 2030 तक पूरी तरह से पेट्रोल गाड़ियों को बंद करने की सोच रही है।

इथेनॉल क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है?

इथेनॉल, चीनी के उत्पादन में बचे कुछ बाय-प्रोडक्ट की मदद से तैयार होता है, जो पेट्रोल का एक अच्छा सब्सीट्यूट बनने का काम करता है। यह सस्ता भी पड़ता है। यह देखते हुए कि इसे फसलों से घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जा सकता है (और कच्चे तेल के विपरीत आयात करने की आवश्यकता नहीं है) और पेट्रोल में एक निश्चित प्रतिशत इथेनॉल मिलाया जाएगा। E20 के इस मामले में यह 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल है।

ये दो कार कंपनियां अगले साल लाएंगी अपनी कार

मारुति ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उसकी पूरी लाइनअप अप्रैल 2023 तक ई20 के अनुरूप होगी। कार निर्माता ने हाल ही में ट्रायल के लिए वैगन आर को मार्केट में उतारा था।

अभी कुछ समय पहले टोयोटा ने भी एक फ्लेक्स-ईंधन-संचालित कोरोला एल्टिस हाइब्रिड का खुलासा किया था, जिसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सहयोग से एक पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में पेश किया गया है।

वाहनों को अपग्रेड करना

फ्लेक्स-ईंधन इंजनों के कार्य करने की क्षमता में काफी सुधार करता है। यह तेल पर निर्भरता को भी कम करता है और सस्ता भी है। आने वाले समय में अगर सबकुछ ठीक रहा तो इसकी मांग बढ़ेगी। जैसा कि अभी का हाल है, अगले साल EV और इथेनॉल वाले वाहनों में टक्कर देखने को मिलेगी जो कि काफी दिलचस्प होगा।

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