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अब नहीं पड़ेगी ट्रक चलाने के लिए डीजल की जरूरत, Reliance Industries ने किया कारनामा

Reliance Industries: कंपनी को कॉर्बन-मुक्त करने की योजना के तहत रिलायंस गुजरात में कई हरित ऊर्जा परियोजनाओं में छह लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: February 06, 2023 13:58 IST
Reliance Industries introduced hydrogen powered truck in india energy week - India TV Paisa
Photo:FILE अब नहीं पड़ेगी ट्रक चलाने के लिए डीजल की जरूरत

Reliance Industries Hydrogen Truck: भारत सरकार ग्रीन एनर्जी को प्रमोट करने के लिए कई अलग-अलग तरह के कार्यक्रम को आयोजित कर रही है। बड़ी-बड़ी कंपनियों को सब्सिडी मुहैया करा रही है। अच्छी बात ये है कि ये कंपनियां सरकार के आदेशों पर अमल करते हुए इस दिशा में काम भी कर रही हैं। इसी में से एक नाम देश की सबसे बड़ी कंपनी में से एक रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को बैंगलोर में ‘इंडिया एनर्जी वीक’ में हाइड्रोजन से चलने वाले एक ट्रक का प्रदर्शन किया। हाइड्रोजन को सबसे स्वच्छ ईंधन माना जाता है और इससे सिर्फ पानी और ऑक्सीजन का उत्सर्जन होता है। अशोक लेलैंड द्वारा विनिर्मित दो बड़े हाइड्रोजन सिलेंडर वाले इस ट्रक को मुख्य स्थल के बगल में एक हॉल में रखा गया है। यहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। 

ट्रक के बारे में दी गई जानकारी

ट्रक के पास एक डिस्प्ले के जरिये बताया गया है कि यह सड़क पर देश का पहला एच2आईसीई टेक्नोलॉजी वाला ट्रक है। ट्रक में यदि परंपरागत डीजल ईंधन या हालिया पेश तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के स्थान पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है, तो इससे उत्सर्जन लगभग शून्य हो जाता है। इसमें कहा गया है कि एच2आईसीई वाहन का प्रदर्शन डीजल आईसीई के समान होता है। एच2 हाइड्रोजन का सूत्र है और आईसीई आंतरिक दहन इंजन के लिए है। भारत हाइड्रोजन के उपयोग पर तेजी से जोर दे रहा है। इसका उत्पादन बिजली का उपयोग कर पानी को विभाजित करके किया जाता है। इस्पात संयंत्रों से लेकर उर्वरक इकाइयों तक में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जा सकता है। यहां यह हाइड्रोकॉर्बन का स्थान ले सकता है। हाइड्रोजन का इस्तेमाल वाहन ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल इसकी विनिर्माण लागत काफी अधिक है।

महंगे होने के बावजूद भी कंपनियां कर रही निवेश

हालांकि, इसके बावजूद कंपनियां हाइड्रोजन विनिर्माण में निवेश कर रही हैं। पिछले महीने गौतम अडानी के समूह ने हाइड्रोजन ट्रक की योजना की घोषणा की थी। अडानी समूह ने पहले घोषणा की थी कि वह अगले 10 साल में हरित हाइड्रोजन और संबद्ध पारिस्थितिक तंत्र में 50 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है। वहीं रिलायंस समूह नवीकरणीय बिजली उत्पादन के अलावा समूचे हाइड्रोजन पारिस्थतिकी तंत्र में निवेश कर रहा है। कंपनी को कॉर्बन-मुक्त करने की योजना के तहत रिलायंस गुजरात में कई हरित ऊर्जा परियोजनाओं में छह लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। 

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