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डीजल की गाड़ियों पर प्रतिबंध से ऑटो इंडस्ट्री नाराज, कहा एनजीटी आंकड़ों पर करे गौर

राजधानी में नए डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के एनजीटी के आदेश की खिलाफत करते हुए ऑटो इंडस्ट्री ने कहा कि न्यायाधिकरण को आंकड़ों पर गौर करना चाहिए।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: December 13, 2015 11:31 IST
डीजल की गाड़ियों पर प्रतिबंध से ऑटो इंडस्ट्री नाराज, कहा एनजीटी आंकड़ों पर करे गौर- India TV Paisa
डीजल की गाड़ियों पर प्रतिबंध से ऑटो इंडस्ट्री नाराज, कहा एनजीटी आंकड़ों पर करे गौर

नई दिल्ली। राजधानी में नए डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश की खिलाफत करते हुए ऑटो इंडस्ट्री ने कहा कि न्यायाधिकरण को प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी तथ्यों और आंकड़ों पर विचार करने के बाद ही समग्र रूख अपनाना चाहिए। महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक पवन गोयनका ने कहा कि राजधानी में आबोहवा में सुधार लाने के लिए पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाना स्वागत योग्य कदम है। नवीनतम उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन करने वाले नए वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का नतीजा अच्छा नहीं होगा।

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प्रतिबंध लगाने का नतीजा अच्छा नहीं होगा

पवन गोयनका ने कहा कि एनजीटी को आंकड़ों पर विचार कर चीजों का आकलन करना चाहिए। गोयनका ने कहा आईआईटी कानपुर की प्रकाशित होने वाली एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में कण प्रदूषण में सवारी वाहनों का योगदान चार फीसदी है, और इसमें से भी करीब 85 फीसदी योगदान भारत स्टेज-4 मानक युक्त से पहले के वाहनों की वजह से है। इस प्रकार दिल्ली में कुल पीएम 2.5 में भारत स्टेज-4 के वाहनों का योगदान मात्र 0.5 फीसदी है। उन्होंने कहा क्या यही वजह है कि नए भारत स्टेज-4 वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है?

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सिर्फ डीजल ही क्यों सभी गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध

पवन गोयनका ने कहा डीजल वाहन ज्यादा पार्टिक्यूलेट का उत्सर्जन करते हैं जबकि सीएनजी वाहन ज्यादा एनओएक्स और पेट्रोल वाहन ज्यादा कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन करते हैं। राजधानी की आबोहवा बेहतर बनाने के लिए सिर्फ एक ईंधन पर ध्यान केंद्रित करना अनुचित है। क्यों न सब पर प्रतिबंध हो? सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऑटो इंडस्ट्री को टारगेट करना आसान है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान कोर्ट ने जो भी आदेश दिए है, हमने उनका पालन किया है। इसके बावजूद गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाना निराशाजनक है।

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