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बैंकों के बढ़ते एनपीए ने बढ़ाई सरकार की चिंता, जल्‍द गठित होगी उच्चस्तरीय समिति

बैंकों के बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) से चिंतित सरकार एक उच्चस्तरीय समिति के गठन पर विचार कर रही है, जो प्रभावी तरीके से इस मुद्दे से निपट सकेगी।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: November 27, 2015 15:35 IST
बैंकों के बढ़ते एनपीए ने बढ़ाई सरकार की चिंता, जल्‍द गठित होगी उच्चस्तरीय समिति- India TV Paisa
बैंकों के बढ़ते एनपीए ने बढ़ाई सरकार की चिंता, जल्‍द गठित होगी उच्चस्तरीय समिति

नई दिल्‍ली। बैंकों के बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) से चिंतित सरकार एक उच्चस्तरीय समिति के गठन पर विचार कर रही है, जो प्रभावी तरीके से इस मुद्दे से निपट सकेगी। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। वित्तीय सेवा विभाग में सचिव अंजुली छिब दुग्गल ने कहा कि इस मसले पर वित्त मंत्री की सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में विचार-विमर्श हुआ था। इसका ब्योरा अभी देना जल्दबाजी होगा। यह निश्चित रूप से कुछ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगी। उनसे पूछा गया था कि क्या वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई में एनपीए पर समिति का गठन जल्द होने जा रहा है।

जून, 2015 के अंत तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का ग्रॉस एनपीए बढ़कर 6.03 फीसदी हो गया, जो मार्च, 2015 के अंत तक 5.20 फीसदी था। उन्‍होंने कहा कि एनपीए चिंता का विषय है और सरकार इस बारे में सतर्क है। सरकार इस्पात, एल्युमिनियम और कपड़ा आदि क्षेत्रों की समस्याओं को देख रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एनपीए में इन क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा है। इससे पहले दिन में सिन्हा ने कहा, एनपीए की कई वजहें हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक के मुद्दे पर दुग्गल ने कहा कि धोखाधड़ी पर अंकुश के लिए पहले से एक व्यवस्था है। धोखाधड़ी निश्चित रूप से एक मुद्दा है। यह चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री जनधन योजना पर दुग्गल ने कहा कि इसे काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और इस योजना के तहत कुल जमा राशि 27,000 करोड़ रुपए को पार कर गई है। इसके साथ ही शून्य जमा वाले खातों की संख्या भी घटकर 35 फीसदी रह गई है।

एनपीए पर है सरकार की नजर

वित्‍त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा ने भी शुक्रवार को कहा कि एनपीए के मुद्दे पर सरकार की नजर है और लगातार इसका आकलन किया जा रहा है। एनपीए कई कारणों के परिणामस्वरूप हुआ है। बैंकिंग प्रणाली की एनपीए की समस्या से निजात पाने के लिए कोई एकमात्र उपाय नहीं है। इसके लिए हमें कई मोर्चों पर काम करना होगा।  स्वर्ण मौद्रीकरण योजना को आकर्षक बनाने के लिये इसके कुछ प्रावधानों की समीक्षा के बारे में सिन्हा ने कहा, सरकार सभी संबद्ध पक्षों के साथ लगातार बातचीत कर रही है और इसमें आने वाली समस्याओं का पता लगाने का प्रयास कर रही है।

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