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कोरोना वैक्सीन की बढ़ेगी सप्लाई, फाइजर के संकेतों के बाद सरकार ने तेज आयात के लिये उठाये कदम

फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान टीके की पांच करोड़ खुराक देने की पेशकश की है। हालांकि, उसने कुछ रियायतें मांगी है और उसकी भारत सरकार के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हो चुकी है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 27, 2021 15:37 IST
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Photo:PTI

बढ़ेगी कोरोना वैक्सीन की सप्लाई

नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा है कि फाइजर की ओर से टीके की उपलब्धता का संकेत मिलने के साथ ही सरकार और कंपनी इसके जल्द से जल्द आयात के लिये मिलकर काम कर रहे हैं। पॉल ने बृहस्पतिवार को ‘भारत की टीकाकरण प्रक्रिया पर मिथक और तथ्य’ पर एक बयान में कहा कि वैश्विक स्तर पर टीके की आपूर्ति सीमित है। कंपनियों की अपनी प्राथमिकताएं, योजनाएं और बाध्यताएं हैं। उसी के हिसाब से वे टीके का आवंटन करती हैं।’’ पॉल भारत में कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही फाइजर से टीके की उपलब्धता पर संकेत मिला, केंद्र सरकार और कंपनी ने इसके आयात के लिए मिलकर काम करना शुरू कर दिया।’’ 

कोविड-19 के लिए टीके के प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) के प्रमुख पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से स्पुतनिक के टीके के परीक्षण में तेजी आई और समय पर मंजूरी से रूस टीके की दो खेप और उसके साथ भारतीय कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कर चुका है। भारतीय कंपनियां जल्द टीके का विनिर्माण शुरू करेंगी। नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि केंद्र 2020 के मध्य से लगातार दुनिया की प्रमुख वैक्सीन कंपनियों मसलन फाइजर, जेएंडजे तथा मॉडर्ना से बातचीत कर रहा है। टीके की आपूर्ति और भारत में उनके विनिर्माण को सरकार ने इन कंपनियों को पूरी सहायता की पेशकश की है। हालांकि, इसके साथ ही पॉल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि उनका टीका आसानी से आपूर्ति के लिए उपलब्ध है। ‘‘हमें यह समझने की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीका खरीदना किसी शेल्फ से सामान खरीदने जैसा नहीं है।’’ सूत्रों के मुताबिक फाइजर ने भारतीय अधिकारियों को बताया है कि उसका टीका भारत में मौजूद सार्स-सीओवी-2 वायरस की किस्म पर प्रभावी है। यह टीका 12 साल और उससे अधिक की उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। इसे 2-8 डिग्री पर एक महीने के लिए स्टोर किया जा सकता है। 

फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान टीके की पांच करोड़ खुराक देने की पेशकश की है। हालांकि, उसने कुछ रियायतें मांगी है और उसकी भारत सरकार के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हो चुकी है। एक बैठक इसी सप्ताह हुई है। पॉल ने विपक्ष के कुछ नेताओं के इन आरोपों का खंडन किया कि सरकार वैक्सीन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए समुचित प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ एक भारतीय कंपनी भारत बायोटेक के पास आईपी है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि तीन अन्य कंपनियां/संयंत्र भी कोवैक्सिन का उत्पादन शुरू करें। साथ ही भारत बायोटेक के संयंत्रों की क्षमता भी बढ़ाई गई है। पॉल ने बताया कि भारत बायोटेक का कोवैक्सिन का उत्पादन अक्टूबर तक बढ़कर 10 करोड़ प्रति माह हो जाएगा, जो अभी एक करोड़ प्रति माह से कम है। 

 

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