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पेट्रोल पंप खोलने के लिए सरकार ने जारी की नई उदार नीति, कंपनियों को लगाने होंगे कम से कम 100 पंप

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नायरा एनर्जी (पूर्व में एस्सार ऑयल) और रॉयल डच शेल निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियां भी पेट्रोल पंप चला रही हैं लेकिन उनकी मौजूदगी बहुत कम है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : November 26, 2019 17:56 IST
Minimum 100 petrol pumps, 5% in remote areas: India's new liberalised fuel retail policy- India TV Paisa
Photo: PETROL PUMP

Minimum 100 petrol pumps, 5% in remote areas: India's new liberalised fuel retail policy

नई दिल्‍ली। सरकार ने मंगलवार को ईंधन क्षेत्र में नई उदारीकृत खुदरा नीति जारी की है। इसके तहत ईंधन की खुदरा बिक्री के क्षेत्र में उतरने वाली कंपनियों को देशभर में कम से कम 100 पेट्रोल पंप लगाने होंगे और उनमें से पांच प्रतिशत पेट्रोल पंप दूरदराज इलाकों में स्‍थापित करने की शर्त रखी गई है। सरकार ने पिछले महीने ही कंपनियों के लिए पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में ढील दी थी।

सरकार ने गैर-पेट्रोलियम कंपनियों को इस क्षेत्र में उतरने की अनुमति दी है। नई नीति के मुताबिक देश में पेट्रोल पंप का लाइसेंस पाने के संशोधित प्रावधानों के तहत संबंधित कंपनी को न्यूनतम 100 पेट्रोल पंप लगाने होंगे, जिनमें कम से कम पांच प्रतिशत दूरस्थ इलाके में होने चाहिए। एक राजपत्र अधिसूचना में पेट्रोल पंप लगाने के संशोधित प्रावधानों की जानकारी दी गई है।

इसके तहत लाइसेंस पाने वाली कंपनी को पेट्रोल पंप का परिचालन शुरू होने के तीन साल के भीतर सीएनजी, बायो ईंधन, एलएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन आदि जैसे वैकल्पिक माध्यमों में से किसी एक के विपणन की सुविधा भी लगानी होगी। इससे पहले पेट्रोल पंप के लिए लाइसेंस पाने के लिए एक कंपनी को पेट्रोलियम क्षेत्र में दो हजार करोड़ रुपए निवेश करने की जरूरत होती थी।

अधिसूचना के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा विपणन का लाइसेंस पाने के लिए आवेदन करते समय कंपनी का न्यूनतम नेटवर्थ 250 करोड़ रुपए होना चाहिए। सरकार ने पेट्रोल पंप पाने का आवेदन शुल्क 25 लाख रुपए तय किया है। अधिसूचना के अनुसार, लाइसेंस मिलने के पांच साल के भीतर कंपनी को देश भर में कम से कम 100 पेट्रोल पंप खोलने होंगे, जिनमें कम से कम पांच प्रतिशत पेट्रोल पंप दूरस्थ इलाकों में स्थित होने चाहिए।

सरकार ने इससे पहले 2002 मे पेट्रोल पंप लाइसेंस आवंटन के प्रावधानों को संशोधित किया था। इस नीति की समीक्षा उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद की गई है। सरकार के पेट्रोलियम विपणन क्षेत्र में गैर-पेट्रोलियम कंपनियों को प्रवेश देने की नीति से वैश्विक स्तर की कंपनियों जैसे की फ्रांस की टोटल एसए, सउदी अरब की अरामको, ब्रिटेन की बीपी पीएलसी और ट्राफिगुरा की विपणन कंपनी पमा एनर्जी को भारतीय बाजार में आने का रास्ता मिलेगा। इससे पहले फ्रांस की टोटल कंपनी अडानी समूह के साथ मिलकर नवंबर 2018 में देश में 1,500 खुदरा पेट्रोल और डीजल पंप के लिए लाइसेंस का आवेदन कर चुकी है।

बीपी ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर पेट्रोल पंप खोलने के वास्ते भागीदारी की है। हालांकि कंपनी ने अभी तक औपचारिक तौर पर आवेदन नहीं किया है। पुमा एनर्जी ने खुदरा लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, जबकि अरामको क्षेत्र में उतरने के लिए बातचीत कर रही है। फिलहाल देश में वर्तमान में चल रहे 66,408 पेट्रोल पंपों में से ज्यादातर पंप सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन  लिमिटेड (बीपीसीएल), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के ही हैं।

इनके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नायरा एनर्जी (पूर्व में एस्सार ऑयल) और रॉयल डच शेल निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियां भी पेट्रोल पंप चला रही हैं लेकिन उनकी मौजूदगी बहुत कम है। रिलायंस के 1,400 पेट्रोल पंप हैं, जबकि उसकी सहयोगी बीपी ने भी 3,500 पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया है लेकिन अभी शुरू नहीं किए हैं। शेल के 167 पेट्रोल पंप ही हैं।

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