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NCLAT ने एस्‍सार स्‍टील के लिए आर्सेलर मित्‍तल की समाधान योजना को दी सशर्त मंजूरी, 42 हजार करोड़ रुपए का होगा भुगतान

एनसीएलएटी ने कहा कि समाधान पेशेवर निगरानी समिति का चेयरपर्सन होगा और यह कानून के अनुसार काम करके यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी परिचालन में बनी रहे।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: March 18, 2019 17:11 IST
essar steel- India TV Paisa
Photo:ESSAR STEEL

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को कर्ज तले दबी एस्सार स्टील के लिए आर्सेलर मित्तल की 42,000 करोड़़ रुपए की समाधान योजना को सशर्त मंजूरी दे दी है। हालांकि, न्यायाधिकरण ने कहा कि यह उसके अंतिम आदेश पर निर्भर करेगा। 

न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि वित्तीय और परिचालन कर्जदाता के बीच राशि के वितरण को लेकर समाधान पेशेवर पर कोई रोक नहीं है। 

एनसीएलएटी ने कहा कि समाधान पेशेवर निगरानी समिति का चेयरपर्सन होगा और यह कानून के अनुसार काम करके यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी परिचालन में बनी रहे। न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि वह वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं के बीच राशि के भेदभावपूर्ण वितरण के मुद्दे पर भी विचार करेगा। 

एनसीएलएटी ने भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) को वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं के बीच धन के वितरण का अनुपात पेश करने के लिए भी कहा है। एस्सार स्टील के निदेशकों ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की अहमदाबाद पीठ के उस फैसले पर चुनौती दी थी, जिसमें उसने आर्सेलर मित्तल एसए की बोली को मंजूरी दी है। याचिका में कहा गया था कि कंपनी के प्रवर्तक की 54,389 करोड़ रुपए की पेशकश बेहतर थी क्योंकि इससे वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं का सारा बकाया चुकता हो सकता है। 

स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने भी समाधान योजना के खिलाफ एनसीएलएटी का रुख किया था क्योंकि इस योजना के तहत उसे कुल बकाया का सिर्फ 1.7 प्रतिशत मिला था, जबकि कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के अन्य वित्तीय कर्जदाताओं को अपने बकाये का 85 प्रतिशत तक मिला है। 

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