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खुशखबरी! पेट्रोल डीजल के दाम कम करने को लेकर एक्शन में सरकार, कर दिया यह बड़ा काम

भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है। यही वजह है कि मई में भारत के कुल तेल आयात में ओपेक देशों से होने वाले तेल आयात का हिस्सा कम होकर 60 प्रतिशत रह गया जो कि इससे पिछले महीने 74 प्रतिशत रहा था।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 24, 2021 22:09 IST
खुशखबरी! पेट्रोल डीजल के दाम कम करने को लेकर एक्शन में सरकार, कर दिया यह बड़ा काम- India TV Paisa
Photo:FILE

खुशखबरी! पेट्रोल डीजल के दाम कम करने को लेकर एक्शन में सरकार, कर दिया यह बड़ा काम

नयी दिल्ली: देश में पेट्रोल, डीजल के खुदरा दाम रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बीच भारत ने बृहस्पतिवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन ‘ओपेक’ पर कच्चे तेल के दाम को ‘तर्कसंगत दायरे’ में रखते हुये कम करने के लिये दबाव डाला और कहा कि उत्पादक देशों को तेल उत्पादन में की गई कटौती को अब चरणबद्ध ढंग से समाप्त करना चाहिये। सउदी अरब जैसे ओपेक देश परंपरागत रूप से भारत के कच्चे तेल के सबसे बड़े स्रोत रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से ओपेक और उसके सहयोगी देश जिन्हें ओपेक प्लस कहा गया है, भारत की तेल उत्पादन बढ़ाने की मांग को अनसुना कर रहे हैं जिससे उसे अपने कच्चे तेल के आयात के लिये नये स्रोत तलाशने पड़ रहे हैं।

भारत दुनिया का तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है। यही वजह है कि मई में भारत के कुल तेल आयात में ओपेक देशों से होने वाले तेल आयात का हिस्सा कम होकर 60 प्रतिशत रह गया जो कि इससे पिछले महीने 74 प्रतिशत रहा था। 

भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ओपेक के महासचिव मोहम्मद सानुसी बरकिंडो के साथ आभासी बातचीत में कच्चे तेल के दाम को लेकर चिंता को दोहराया। कच्चे तेल के दाम 75 डालर प्रति बैरल से ऊपर निकल गये हैं। यह दाम अप्रैल 2019 के बाद सबसे ऊंचे हैं। कच्चे तेल के बढ़ते दाम की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के खुदरा दाम रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गये हैं। नौ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल 100 रुपये लीटर से ऊपर निकल गया है जबकि राजस्थान और ओड़ीशा में डीजल 100 रुपये लीटर से ऊपर बिक रहा है। 

ओपेक द्वारा आभासी बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्री प्रधान ने इस बात को ध्यान में रखते हुये कि भारत तेल का प्रमुख उपभोक्ता और आयातक देश है, आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिये ईंधन की सस्ते दाम पर और नियमित आपूर्ति के महत्व को रेखांकित किया। ’’ पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से बाद में जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधान ने कच्चे तेल के बढ़ते दाम और उपभोक्ताओं के साथ साथ आर्थिक गतिविधियों में आने वाले सुधार पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कच्चे तेल के ऊंचे दाम से भारत पर मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ रहा है।’’ 

मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘प्रधान ने कच्चे तेल उत्पादन में की गई कटौती को चरणबद्ध ढंग से समाप्त किये जाने के अपने आग्रह को दोहराया। इसके साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि कच्चे तेल के दाम एक तर्कसंगत दायरे में रहने चाहिये। यह तेल उत्पादकों और उपभोक्ताओं के सामूहिक हित में होगा। इससे खपत आधारित सुधार को प्रोत्साहन मिलेगा।’’

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