नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार संख्या साझा करने के संबंध में लोगों को जागरूक करने की योजना बना रहा है। इसमें यह बताया जाएगा कि इस संदर्भ में उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना है। प्राधिकरण आधार संख्या को पैन, बैंक खाता और क्रेडिट कार्ड संख्या जैसी अन्य निजी सूचनाओं के समतुल्य बनाना चाहता है ताकि उपयोक्ताओं को अपनी निजी जानकारियां सार्वजनिक करने विशेषकर ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मंचों पर साझा करने के प्रति सावधान किया जा सके।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडेय ने कहा कि लोगों को यह बताना जरूरी है कि वे बिना डरे स्वतंत्रता से आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस संबंध में विस्तृत बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एफएक्यू इस मुद्दे से जुड़े करीब आधा दर्जन सवालों का जवाब दे देगा।
प्राधिकरण ने यह योजना ऐसे समय में तैयार की है जब ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा ने अपना आधार संख्या ट्विटर पर साझा करते हुए नुकसान पहुंचाने की चुनौती दी थी। उसके बाद से आधार की सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई।
जहां एक ओर कई ट्विटर उपयोक्ताओं ने शर्मा की निजी जानकारियां निकाल लेने का दावा किया वहीं शर्मा इस बात पर अड़े रहे कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंच सका है। हालांकि, इस विवाद के बाद प्राधिकरण ने 31 जुलाई को लोगों को सलाह दिया कि वे 12 अंकों की अपनी आधार संख्या सार्वजनिक नहीं करें और न ही लोगों को इस तरह की चुनौती दें।