
बीते तीन साल में अलग-अलग एयरलाइंस ने 255 हवाई यात्रियों को कई वजहों से 'नो फ्लाई लिस्ट' में शामिल किया है। सरकार ने सोमवार को राज्य सभा में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि दुर्व्यवहार, झगड़े और चालक दल के सदस्यों के साथ मारपीट की घटनाओं के चलते इतने यात्रियों को एयरलाइन ने सफर करने पर बैन लगा दिया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में कुल 82 लोगों को नो फ्लाई लिस्ट सूची में रखा गया था, जबकि 2023 में यह संख्या 110 और 2022 में 63 थी।
अपील करने के लिए है ये नियम
खबर के मुताबिक, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि विमान/व्यक्तियों/संपत्ति/विमान में अच्छे क्रम और अनुशासन की सुरक्षा सुनिश्चित करने और विमान में गैरकानूनी/विघटनकारी व्यवहार से निपटने के लिए पर्याप्त नियामक ढांचे मौजूद हैं। 'नो फ्लाई लिस्ट' में शामिल किए जाने से व्यथित व्यक्ति आदेश जारी होने की तारीख से 60 दिनों के भीतर मंत्रालय द्वारा गठित अपीलीय समिति के समक्ष अपील कर सकता है। नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ऐसे मामलों में यात्रियों से निपटने से संबंधित मानदंड बनाए हैं।
वित्त वर्ष 2024 में 37. 41 करोड़ यात्रियों को संभाला
समिति की अध्यक्षता हाई कोर्ट के रिटायर न्यायाधीश, यात्री संघ या उपभोक्ता संघ के प्रतिनिधि या उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के रिटायर अधिकारी और एयरलाइनों के प्रतिनिधि करते हैं, जो उपाध्यक्ष या समकक्ष पद से नीचे नहीं होते। भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में से एक है और देश के एयरपोर्ट ने वित्त वर्ष 2024 में 37. 41 करोड़ यात्रियों को संभाला।
मोहोल ने एक अन्य लिखित उत्तर में कहा कि अगले पांच वर्षों में हवाई यात्रियों की संख्या में लगभग 15 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ने होने की उम्मीद है। बीते साल अनियंत्रित हवाई यात्रियों से जुड़ी घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। पैसैंजर्स के व्यवहार से जुड़ी खबरें काफी सुर्खियों में रहीं।