केंद्र सरकार ने देर से ऑफिस पहुंचने वाले और जल्दी ही निकल जाने वाले सरकारी कर्मचारियों को सख्त निर्देश जारी किये हैं। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कर्मचारी आधार सक्षम बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में अपनी अटेंडेंस लगाएं। गौरतलब है कि कई कर्मचारी AEBAS में अडेंटेस नहीं लगा रहे थे। साथ ही कुछ कर्मचारी रोजाना लेट आ रहे थे। मंत्रालय ने मोबाइल फोन बेस्ड फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम का उपयोग करने की भी वकालत की। इसके अलावा लाइव लोकेशन और जियो-टैंगिंग की भी बात की।
AEBAS यूज नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया कि जो कर्मचारी AEBAS का उपयोग नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। मंत्रालय ने सभी केंद्र सरकार के विभागों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कर्मचारी बिना चूके आधार सक्षम बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम पर अपनी अटेंडेंस लगाएं। मंत्रालय ने कहा कि विभाग पोर्टल पर रिपोर्ट डाउनलोड करेंगे और उन कर्मचारियों की पहचान करेंगे, जो अटेंडेंस नहीं लगाते।
कटेगी आधी सीएल
मंत्रालय ने सर्कुलर में कहा, 'प्रत्येक दिन की देरी के लिए आधे दिन की सीएल काट ली जानी चाहिए। लेकिन 1 घंटे तक की देरी के लिए महीने में दो बार से अधिक नहीं। अगर देरी से ऑफिस आने के उचित कारण हों, तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा माफ भी किया जा सकता है।' इसमें कहा गया कि जो सरकारी कर्मचारी आदतन देरी से आते हैं, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
जल्दी जाना भी देर से आने के समान
कार्मिक मंत्रालय द्वारा सर्कुलर में कहा गया कि ऑफिस से जल्दी जाना भी देरी से ऑफिस आने के समान ही माना जाएगा। महत्वपूर्ण असाइनमेंट, प्रतिनियुक्ति, प्रशिक्षण और ट्रांसफर या पोस्टिंग के लिए विचार करते समय कर्मचारी की समय की पाबंदी और उपस्थिति से जुड़े डेटा को भी देखा जाएगा। मंत्रालय ने विभागों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि आधार सक्षम बोयोमेट्रिक मशीने हमेशा चालू रहें।