
रुपये में जारी गिरावट पर आज ब्रेक लग गया। बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर मुकाबले 25 पैसे चढ़कर 86.33 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। आखिर रुपये में गिरावट पर क्यों लगी ब्रेक? करेंसी एक्सपर्ट के मुताबिक, शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में नरमी के चलते आज रुपये में बड़ी रिकवरी लौटी। आपको बता दें कि अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 86.56 पर खुला। सत्र के दौरान डॉलर के मुकाबले 86.30 के उच्च तथा 86.71 के निचले स्तर पर पहुंचा। अंत में यह 86.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 25 पैसे की बढ़त है। मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे गिरकर 86.58 पर आ गया था।
रुपये में कमजोरी रहने की आशंका
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अनुमान है कि अमेरिकी डॉलर में अंतर्निहित मजबूती और घरेलू बाजारों में समग्र कमजोरी के कारण रुपया काफी हद तक कमजोर बना रहेगा। डॉलर के लिए आयातक मांग भी रुपये पर दबाव डाल सकती है। हालांकि, कच्चे तेल में किसी भी तरह की लंबी बिकवाली से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।’ चौधरी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की ओर से आने वाले बयानों और घोषणाओं के कारण बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि डॉलर-रुपया हाजिर कीमत 86.20 से 86.65 के बीच रहने का अनुमान है।
डॉलर इंडेक्स कमजोर होने से रुपया हुआ मजबूत
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 107.89 पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.48 प्रतिशत चढ़कर 79.67 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। अमेरिका की सख्त नीतियों की आशंकाओं के कारण कच्चे तेल की कीमतें गिर गईं और 78 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। यह राष्ट्रपति ट्रम्प के अमेरिकी तेल उत्पादन बढ़ाने के उल्लेख के बाद हाल के उच्च स्तर से चार प्रतिशत की गिरावट है। घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 566.63 अंक बढ़कर 76,404.99 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 130.70 अंक बढ़कर 23,155.35 अंक पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 5,920.28 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।