गांव से लेकर शहरों में AC की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह हर साल गर्मी बढ़ रही है। भारत के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ज्यादा अभी ही पहुंच गया है। गर्मी से बचने के लिए एसी चलाने की मजबूरी है। यह बिजली बिल का बोझ बढ़ा रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं कि इससे बचा नहीं जा सकत है। आप ग्रीन होम बनाकर बिजली और पानी बिल में करीब 30% की बचत कर सकते हैं। ग्रीम होम बनाने का बहुत ज्यादा खर्च भी नहीं है। अगर आप 1000 वर्ग फुट का 2बीएचके मकान बनाते हैं तो ग्रीन होम बनाने की लागत ₹25 से 30 लाख आएगी। वहीं, समान्य घर बनाने की लगात 20 से 25 लाख रुपये आएगी। यानी आप सिर्फ 5 लाख रुपये खर्च कर ग्रीन बिल्डिंग बनाकर बड़ी बचत कर सकते हैं।
ग्रीन बिल्डिंग कैसे बनाया जाता है?
ग्रीन बिल्डिंग आमतौर पर कम ऊर्जा खपत, पानी और अन्य संसाधनों के बेहतर उपयोग के हिसाब से तैयार की जाती है। इसमें वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा के उपयोग के साथ ‘हेम्पक्रीट’ जैसे पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इससे इन मकानों में स्वास्थ्य के मोर्चे पर लाभ के साथ बिजली, पानी का कुशल उपयोग होता है और जिससे रहन-सहन के खर्च में कमी आती है। कई प्रमुख कंपनियां ने आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल), गृह (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटिग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट) और ईडीजीई (अधिक दक्षता के लिए डिजाइन में उत्कृष्टता) प्रमाणन को अपनाया है।
कीमत पांच से 10 प्रतिशत अधिक
ग्रीन बिल्डिंग की कीमतें आमतौर पर पारंपरिक इमारतों की तुलना में पांच से 10 प्रतिशत अधिक होती हैं। इसका कारण पर्यावरण-अनुकूल सामग्री, ऊर्जा-दक्ष प्रणाली के उपयोग और हरित प्रमाणन प्रक्रियाओं में होने वाला शुरुआती निवेश है। हालांकि, इस अतिरिक्त लागत की समय के साथ ऊर्जा और पानी में 20 से 30 प्रतिशत तक की बचत के जरिये भरपाई हो जाती है। इससे इन इमारतों की लंबी अवधि में कुल लागत कम हो जाती है।



































