दिल्ली सरकार, राजधानी में प्रदूषण को काबू करने के लिए मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए परिवहन विभाग का बजट 60 प्रतिशत बढ़ाकर 9110 करोड़ रुपये कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं ताकि मौजूदा प्रोजेक्ट्स में किसी तरह की कोई रुकावट न आए। रेखा गुप्ता ने दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन पर असरदार कंट्रोल के लिए एक मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की जरूरत पर जोर दिया, जिसमें बिना किसी समस्या या रुकावट के लास्ट-माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो।
मेट्रो प्रोजेक्ट्स का आवंटन 6 गुना बढ़ा
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट और दूसरे संस्थानों के डेटा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का एक बड़ा कारण है और प्राइवेट गाड़ियों पर निर्भरता कम करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेट जीरो एमिशन के विजन के मुताबिक, पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए बजट में काफी प्रावधान किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के लिए आवंटन 2024-25 में 5702 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2025-26 में 9110 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटन पिछले साल के करीब 500 करोड़ रुपये से लगभग 6 गुना बढ़कर 2929 करोड़ रुपये हो गया है।
कैबिनेट ने मेट्रो प्रोजेक्ट के 3 कॉरिडोर को दी मंजूरी
रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि कैबिनेट ने फेज-IV MRTS के 3 कॉरिडोर- लाजपत नगर से साकेत, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और रिठाला से कुंडली को मंजूरी दे दी है, जिसके लिए दिल्ली सरकार 3386.18 करोड़ रुपये की वित्तीय जिम्मेदारी उठाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 940 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं और 336 करोड़ रुपये की अगली किस्त प्रोसेस में है। दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट फेज I, II, और III से संबंधित करीब 2700 करोड़ रुपये की बकाया देनदारियों को भी क्लियर किया जा रहा है।



































