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पहले 30 सितंबर 2016, अब 19 मई, नोटबंदी के साढ़े 6 साल बाद RBI ने क्यों लिया 2000 के नोट न छापने का फैसला

30 सितंबर 2016 को देश में नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया गया था। अब करीब साढ़े 6 साल बाद 19 मई 2023 को RBI ने बड़ा फैसला लिया है कि पूरी तरह से 2000 रुपए के नोट छपना अब बंद हो जाएंगे।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: May 19, 2023 20:32 IST
पहले 30 सितंबर 2016, अब 19 मई, नोटबंदी के साढ़े 6 साल बाद RBI ने क्यों लिया 2000 के नोट न छापने का फ- India TV Paisa
Photo:FILE पहले 30 सितंबर 2016, अब 19 मई, नोटबंदी के साढ़े 6 साल बाद RBI ने क्यों लिया 2000 के नोट न छापने का फैसला

RBI on 2000 Rupee Note: 19 मई 2023 की शाम RBI ने बड़ा ​फैसला किया है। इस बड़े फैसले के तहत अब आरबीआई 2000 रुपए के नोट वापस लेगी। 2000 रुपए के नोट की छपाई अब बंद हो रही है। 30 सितंबर तक बैंक के नोट वापस RBI में जमा कराने होंगे। 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 रुपए के नोट बैंक में जमा किए जा सकेंगे। इससे पहले 30 सितंबर 2016 को देश में नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया गया था। अब करीब साढ़े 6 साल बाद 19 मई 2023 को RBI ने बड़ा फैसला लिया है कि पूरी तरह से 2000 रुपए के नोट छपना अब बंद हो जाएंगे। 

इससे पहले 2000 रुपए के नोट नोटबंदी के समय यानी 2018 से छपना शुरू हुए थे। उस समय 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों के सर्कुलेशन को बाहर करने के बाद इसे चलन में लाया गया था। रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट उन नोट की वैल्यू की भरपाई आसानी से कर देगा, जिन्हें चलन से बाहर कर दिया गया था।

ज्यादातर 2000 रुपए के नोट 2017 से पहले हुए थे जारी

आरबीआई ने वर्ष 2018 और 2019 के समय ही 2000 रुपए के नोट छापना बंद कर दिया था। इस समय जितने भी 2000 रुपए के नोट मार्केट में हैं, उनमें से ज्यादातर 2017 से पहले जारी किए गए थे। दूसरी अहम बात यह है कि 2000 रुपए के नोट ज्यादा चलन में भी नहीं आ रहे थे। इतने बड़े नोट का लेनदेन में अधिक इस्तेमाल भी नहीं हो रहा था। लोगों को 2000 रुपए के नोट के बदले 'खुल्ले' यानी चेंज कराने में असुविधा होती थी। यही कारण रहा कि रिजर्व बैंक ने 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत 2000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने का फैसला किया है।

चलन में कम मौजूद, पहले  6.73 लाख करोड़ के नोट थे सर्कुलेशन में

31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे। यानी कुल नोटों में इनकी हिस्सेदारी 37.3% थी। 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानी चलन में मौजूद कुल नोटों में दो हजार रुपये के नोटों की 10.8% हिस्सेदारी ही रह गई। 

जिस उद्देश से छापे थे 2000 रुपए के नोट, वो पूरा हुआ

नोटबंदी के बाद आरबीआई द्वारा दो हजार रुपये के नोट को छापना शुरू किया गया था। जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए, तब दो हजार रुपये को चलन में लाने का उद्देश्य भी पूरा हो गया। लिहाजा, 2018 में दो हजार रुपये के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई थी। अब आरबीआई ने इन नोटों को वापस लेने का फैसला किया है। यही कारण है कि 23 मई से 30 सितंबर तक आरबीआई को 2000 रुपए के नोट वापस किए जा सकेंगे।

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