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सरकारी बैंक ने होम लोन मार्केट में मचाई धूम, प्राइवेट बैंक पीछे छूटे, जानें पूरी बात

जून 2025 में पब्लिक सेक्टर बैंकों का होम लोन बाजार में हिस्सा 46.2% तक पहुंच गया, जबकि प्राइवेट बैंक की और कम हो गई। इसके अलावा, अनसिक्योर्ड लेंडिंग जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड में ग्रोथ में कमी आई है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Sep 03, 2025 12:02 am IST, Updated : Sep 03, 2025 12:02 am IST
पब्लिक सेक्टर बैंक छोटे टिकट साइज के होम लोन में डेलींक्वेंसी ज्यादा देख रहे हैं।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK पब्लिक सेक्टर बैंक छोटे टिकट साइज के होम लोन में डेलींक्वेंसी ज्यादा देख रहे हैं।

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) में पब्लिक सेक्टर बैंकों (सरकारी बैंक) ने होम लोन मार्केट में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए प्राइवेट बैंकों को पटकनी दे दी है। क्रिफ हाई मार्क की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2025 में पब्लिक सेक्टर बैंकों का होम लोन बाजार में हिस्सा 46.2% तक पहुंच गया, जो कि पिछले साल इसी अवधि में 37.6% था। इसके विपरीत, निजी बैंकों का शेयर घटकर 28.2% रह गया, जबकि पिछले साल यह 35.2% था।

बड़े लोन को मिल रही प्राथमिकता

पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह भी सामने आया कि पब्लिक सेक्टर बैंक छोटे टिकट साइज (₹35 लाख से कम) के होम लोन में डेलींक्वेंसी ज्यादा देख रहे हैं। वहीं, नए जारी किए गए होम लोन में ₹75 लाख से अधिक के बड़े लोन का हिस्सा बढ़कर 38% हो गया, जबकि पिछले साल यह 33.6% था। इसके उलट ₹5 लाख से ₹55 लाख तक के लोन में हिस्सेदारी 31.2% रह गई, जो पिछले साल 34.7% थी।

क्रेडिट कार्ड जारी करने में गिरावट

नए क्रेडिट कार्ड जारी करने में इस तिमाही 28% की गिरावट आई है। अप्रैल-जून में कुल 40.6 लाख नए कार्ड जारी हुए, जो नियामकीय सख्ती, जोखिम प्रबंधन और अनसिक्योर्ड पोर्टफोलियो की गुणवत्ता सुधार रणनीतियों के कारण है। हालांकि, निजी बैंकों का क्रेडिट कार्ड जारी करने में हिस्सा बढ़कर 75% हो गया है, जबकि पिछले साल यह 71% था।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (सीआईसी) के चेयरमैन सचिन सेठ ने कहा कि अनसिक्योर्ड लेंडिंग जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड में ग्रोथ में कमी आई है, जो बढ़ते जोखिमों के बीच जोखिम प्रबंधन और विनियामक सतर्कता की जरूरत को दर्शाता है। बैंक अब विकास और स्थिरता के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

हालांकि, होम लोन डेलींक्वेंसी की बात करें तो पब्लिक सेक्टर बैंकों में यह दर सबसे अधिक है। लगभग 2.85% होम लोन 31 से 90 दिनों तक भुगतान नहीं हुए हैं। वहीं, निजी बैंकों का प्रदर्शन बेहतर रहा, जहां डेलींक्वेंसी सिर्फ 1.04% रही। यह निजी बैंकों की मजबूत अंडरराइटिंग और समय पर जोखिम पहचान का संकेत है।

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