
सरकार ने दुकानदारों और थोक विक्रेताओं को खाने-पीने की जरूरी चीजों की जमाखोरी न करने की चेतावनी दी है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए खाने-पीने की चीजों का पर्याप्त भंडार मौजूद है। सरकारी की ये चेतावनी ऐसे समय में आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ गया है और पाकिस्तान सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी और ड्रोन हमले कर रहा है। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘देश में खाद्य भंडार के बारे में गलत जानकारी फैलाने वाले मैसेज पर भरोसा न करें। हमारे पास पर्याप्त खाद्य भंडार हैं, जो आवश्यक मानदंडों से कहीं ज्यादा है।’’
आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की जाएगी कार्रवाई
जोशी ने कहा, ‘‘जरूरी चीजों के व्यापार में शामिल व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता या व्यावसायिक संस्थाओं को कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है। जमाखोरी या भंडारण में शामिल किसी भी व्यक्ति पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।’’ भारत ने 2 सप्ताह पहले पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में बुधवार को पाकिस्तान और पीओके में 9 जगहों पर हमला किया था।
सरकार ने रखा है 34 करोड़ 15.5 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य
जोशी ने एक दिन पहले भी लोगों से जरूरी चीजों की जमाखोरी से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह करते हुए कहा था कि देश में सभी जरूरी चीजों का पर्याप्त से ज्यादा स्टॉक हैं। उन्होंने कहा था कि किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है और किसी को भी ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। मौजूदा फसल सत्र 2024-25 (जुलाई-जून) में सरकार ने 34 करोड़ 15.5 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है। खाद्यान्नों में धान, गेहूं, मोटे अनाज और दालें शामिल हैं।