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GST Rate: राज्यों ने की थी खाने पीने के सामान पर GST की मांग, राजस्व सचिव बताया, कैसे रुकेगी Tax चोरी

GST Rate: पैकेटबंद खाद्य उत्पादों पर 18 जुलाई से GST लगाने का फैसला केंद्र सरकार का नहीं बल्कि GST Council का है।

Written By: Indiatv Paisa Desk
Published : Jul 24, 2022 03:06 pm IST, Updated : Jul 24, 2022 03:06 pm IST
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Photo:FILE GST

GST Rate: जीएसटी को लेकर बीते कुछ दिनों से काफी बातें हो रही हैं। हो भी क्यों न? अब खाने पीने के सामान पर जीएसटी जो लग गया है। अब दही, छाछ, सूजी से लेकर आटे जैसे पैक्ड सामानों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगा दी गई है। लोग जीएसटी लगाने को लेकर केंद्र को कोस भी रहे हैं। लेकिन इस मामले में राजस्व सचिव तरुण बजाज सरकार के बचाव में सामने आ गए हैं। 

राज्यों ने की थी मांग 

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने पैकेटबंद सामान एवं खाद्य उत्पादों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने कहा, ‘‘इन उत्पादों पर कर की चोरी हो रही थी, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। कुछ राज्यों ने भी इसकी मांग की थी।’’ बजाज ने कहा पैकेटबंद खाद्य उत्पादों पर 18 जुलाई से जीएसटी लगाने का फैसला केंद्र सरकार का नहीं बल्कि जीएसटी परिषद का है। जीएसटी दरों के बारे में सुझाव देने वाली ‘फिटमेंट समिति’ ने इस बारे में निर्णय किया था जिसमें केंद्र के अलावा राज्यों के भी अधिकारी शामिल होते हैं। 

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Image Source : FILE
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मंत्री समूह ने भी दिया था सुझाव 

बजाज ने कहा कि राज्यों के मंत्रियों की भागीदारी वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने भी इन उत्पादों पर जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी जिसे जीएसटी परिषद ने भी स्वीकृति दे दी। इसके आधार पर गत 18 जुलाई से पैकेटबंद खाद्य उत्पादों पर भी पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगने लगा है। हालांकि, विपक्षी दल एवं अन्य समूह इसका विरोध करते हुए इसे आम आदमी के लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। इस पर राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी से जुड़े मामलों में फैसले के लिए जीएसटी परिषद सर्वोच्च निकाय है और इस समिति ने पैकेट वाले उत्पादों पर कर लगाने का फैसला आम सहमति से लिया था। जीएसटी समिति में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। 

इन चीजों पर नहीं लगेगा जीएसटी 

बजाज ने कहा कि दालों, गेहूं, राई, जौ, मक्का, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मुरमुरे और दही एवं लस्सी को खुले में बेचने और पैक या लेबल नहीं किए जाने पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। बजाज ने कहा, ‘‘जीएसटी लागू होने से पहले इन आवश्यक वस्तुओं पर कर कई राज्यों में लगा हुआ था। इनसे राज्यों को राजस्व मिल रहा था। जुलाई, 2017 में जीएसटी प्रणाली आने के समय यह परिपाटी जारी रहने की परिकल्पना की गई थी। लेकिन जब नियम और परिपत्र सामने आए तो यह कर ब्रांडेड उत्पादों पर लगाया गया था।’’ 

ऐसे हो रही थी कर चोरी 

नियमों के मुताबिक, अगर ब्रांड कार्रवाई-योग्य दावों को छोड़ देते हैं तो पहले से पैक किए गए सामानों पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। इसका फायदा उठाते हुए कुछ मशहूर ब्रांडों ने इन वस्तुओं को अपने ब्रांड नाम वाले पैकेटों में बेचना शुरू कर दिया लेकिन इस पर कोई कार्रवाई-योग्य दावा नहीं होने से उन पर पांच प्रतिशत जीएसटी नहीं लग रहा था। उन्होंने कहा कि इस तरह कर चोरी होने की शिकायतों कुछ राज्यों की तरफ से की गई थीं। हालांकि उन्होंने इन राज्यों के नाम नहीं बताए। 

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