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प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में होटल उद्योग को मिलेगी नई उड़ान, आएगी नौकरियों की बहार, मिलेंगे ये जॉब्स

फिलहाल होटल इंडस्ट्री से जुड़े लगभग सभी ब्रांड्स ने अयोध्या में रुचि दिखाई है। अधिकांश ने जमीनें भी ले लीं। कुछ का निर्माण कार्य हो रहा है। बाकी, वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। वह प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या, उनकी क्रय क्षमता देख कर अपनी प्रापर्टी के स्वरूप के बारे में निर्णय करे

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: January 19, 2024 16:10 IST
Ayodhya- India TV Paisa
Photo:PTI अयोध्या

प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा 22 जनवरी को है। राम मंदिर देश के साथ दुनियाभर के पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन चुका है। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद प्रति दिन लाखों पर्यटक उयोध्या आने की उम्मीद है। वहीं, 20230 तक प्रति दिन पर्यटकों की संख्या 3 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। यह होटल उद्योग के लिए बड़े अवसर के द्वार खोल रहा है। 5स्टार से लेकर छोटे होटल अयोध्या को लेकर उत्साहित हैं। अयोध्या में बड़ा मार्केट मिलता देख ताज, मैरियट, सरोवर होटल्‍स एंड रिसॉर्ट, जएलएल ग्रुप, रेडिसन जैसे बड़े होटल ब्रांड अपना होटल अयोध्या में बना रहे हैं। इसके साथ ही बहुत छोटे होटल्स भी अयोध्या में खुल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सैंकड़ों नए होटल खुलने से अध्योध्या में युवाओं को होटल मैनेजर, फूड एंड बेवरेज मैनेजर, रूम डिविजन मैनेजर, किचन मैनेजर, हाउसकीपिंग मैनेजर, एग्जीक्यूटिव शेफ, सेल्स एंड मार्केटिंग मैनेजर, फ्रंट ऑफिस मैनेजर, इनवेंट्री मैनेजर, होटल रिसेप्शनिस्ट, बुकिंग एजेंट, आईटी मैनेजर, गार्ड आदि प्रोफाइल में ढ़ेरों जॉब्स मिलेंगे। 

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए संजीवनी 

होटल इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि श्रीराम मंदिर की स्थापना के साथ अयोध्या धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगवान राम की स्वीकार्यता को देखते हुए आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आगमन की उम्मीद है। इसे हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए एक संजीवनी माना जा रहा है। होटल सेक्टर से जुड़े लोग बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया पर अयोध्या को सर्च करने वालों की संख्या में करीब एक हजार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ये आंकड़े हॉस्पिटैलिटी और अन्य संबंधित सेक्टर्स के लिए उम्मीद जगाते हैं। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में अयोध्या प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं के हिसाब से पहले नंबर पर होगी। फिलहाल, देश के सबसे संपन्न मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी इस मामले में पहले पायदान पर है। वहां प्रतिदिन 50 हजार पर्यटक/श्रद्धालु आते हैं। किसी खास अवसर या छुट्टियों के दिन संख्या एक लाख के करीब पहुंच जाती है।

पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी 

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या के विकास पर निजी तौर पर उनका खास फोकस होने और दीपोत्सव जैसे आयोजन से देश-दुनिया का ध्यान आकर्षित करने की वजह से वहां आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2017 तक हर साल अमूमन अयोध्या में दो लाख पर्यटक/श्रद्धालु आते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गई। अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों तक हर साल इंडस्ट्री में 20,000 से 25,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार 2030 तक प्रति दिन अयोध्या में करीब तीन लाख पर्यटक/श्रद्धालु आएंगे। होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का अनुमान है कि प्राण प्रतिष्ठा (22 जनवरी) के बाद के कुछ हफ्तों तक तो यह संख्या तीन से छह, सात लाख तक रह सकती है। आने वालों में से जो रुकना चाहेंगे उनके लिए अयोध्या में उनकी क्रय शक्ति के अनुसार होटल, मोटल, रेस्टोरेंट और ट्रांसपोर्ट की सुविधा की भी जरूरत होगी।

अधिकांश होटल्स समूह ने अध्योध्या में जमीन खरीदी

फिलहाल होटल इंडस्ट्री से जुड़े लगभग सभी ब्रांड्स ने अयोध्या में रुचि दिखाई है। अधिकांश ने जमीनें भी ले लीं। कुछ का निर्माण कार्य हो रहा है। बाकी, वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। वह प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या, उनकी क्रय क्षमता देख कर अपनी प्रापर्टी के स्वरूप के बारे में निर्णय करेंगे। आईटीसी मौर्या नई दिल्ली में वैंक्वेट मैनेजर रहे भव्य मल्होत्रा के मुताबिक प्रति कमरा, तीन सर्विस प्रोवाइडर किसी होटल के लिए आदर्श स्थित होती है। इसमें फ्रंट ऑफिस, हाउस कीपिंग, फूड एंड बेवरेज, लाउंड्री, फाइनेंस, एचआर, हॉर्टिकल्चर, सेल्स आदि विभाग होते हैं। अगर प्रॉपर्टी छोटी है तो कुछ विभाग न होने से सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या कुछ कम हो सकती है, पर प्रति कमरा दो कर्मचारी तो होने ही चाहिए। इससे कम होने पर आप अपने ग्राहकों को संतोषजनक सेवा नहीं दे पाएंगे।

राज्य सरकार कुछ छूट देने की तैयारी में 

प्रदेश में इस सेक्टर के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में होटल्स के निर्माण में कुछ और छूट देने की भी सोच रही है। इस बाबत एक सात सदस्यीय कमेटी भी गठित की जा चुकी है। कमेटी बिल्डर्स बाइलाज संबंधी कुछ जटिलताओं को दूर करने का सुझाव दे सकती है। इन जटिलताओं की मुख्यमंत्री योगी ने खुद संज्ञान लेकर पहल की थी। उम्मीद है कि समिति नक्शे के शुल्क में कटौती, निर्माण के लिए जमीन और सड़क की चौड़ाई का मानक कम करने आदि के बारे में सुझाव दे सकती है। पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का लाभ होटल इंडस्ट्री के अलावा इससे जुड़े एविएशन, रेलवे, सड़क परिवहन निगम और लॉजिस्टिक्स से जुड़े सेक्टर्स को भी होगा।

इनपुटः आईएएनएस

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