Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. नितिन गडकरी ने इस मामले में स्वीकारी असफलता, खामियां होने के कारण 2024 तक नहीं पूरा हो पाएगा लक्ष्य

नितिन गडकरी ने इस मामले में स्वीकारी असफलता, खामियां होने के कारण 2024 तक नहीं पूरा हो पाएगा लक्ष्य

भारत में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें लगभग दो लाख लोगों की मौत हो जाती है। सड़कों पर होने वाले झगड़ों, दंगों या आतंकवादी हमलों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में अधिक लोग मरते हैं।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Jun 08, 2023 8:02 IST, Updated : Jun 08, 2023 8:02 IST
नितिन गडकरी ने इस मामले में स्वीकारी असफलता, खामियां होने के कारण 2024 तक नहीं पूरा हो पाएगा लक्ष्य - India TV Paisa
Photo:FILE नितिन गडकरी ने इस मामले में स्वीकारी असफलता

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं। इस बीच उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) में 50 प्रतिशत की कमी लाने के लक्ष्य में पिछड़ने की बात स्वीकार की है। गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार और सड़क सुरक्षा मानकों से समझौता करते वाले लोगों की खामियों की वजह से भारत वर्ष 2024 से पहले सड़क हादसों में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा। बता दें कि भारत में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें लगभग दो लाख लोगों की मौत (Accidental Deaths) हो जाती है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर होने वाले झगड़ों, दंगों या आतंकवादी हमलों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में अधिक लोग मरते हैं।

लक्ष्य में क्यों पिछड़े 

गडकरी ने कहा, ‘‘हमने कहा था कि हम वर्ष 2024 से पहले सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी करेंगे। लेकिन हम इसे नहीं कर पाये क्योंकि हमारी भी कुछ खामियां हैं और बाकी कुछ लोगों की ओर से इसके प्रयास नहीं हो रहे हैं।’’ सड़क निर्माण इंजीनियरिंग में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाले लोग अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। उनकी मानसिकता है कि लागत में बचत होनी चाहिए।’’ 

इंजीनियरिंग में खामियां ही खामियां

उन्होंने कहा कि वे निर्माण की लागत को कम करने के लिए डीपीआर तैयार करते समय सड़क सुरक्षा मानकों से समझौता करते हैं और जानबूझकर किसी सड़क परियोजना में फ्लाईओवर या नीचे के पुलों के निर्माण का प्रावधान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने खामियों वाले स्थान (ब्लैक स्पॉट्स) की पहचान की है। सड़कों के किनारे लगने वाले बढ़िया संकेत चिह्न भी दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने में मदद करता है। 

मानवीय चूक भी कम दोषी नहीं 

इसके अलावा लेन में वाहन चलाने का अनुशासन भी हमें देश में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने की आधी लड़ाई जीतने में मदद कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें लगभग दो लाख लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर होने वाले झगड़ों, दंगों या आतंकवादी हमलों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में अधिक लोग मरते हैं।

(PTI Input) 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement