RBI गवर्नर बोले-Cryptocurrency बड़ा खतरा, निवेशकों के लिए यह 'आगे कुंआ तो पीछे खाई'
RBI गवर्नर बोले-Cryptocurrency बड़ा खतरा, निवेशकों के लिए यह 'आगे कुंआ तो पीछे खाई'
आरबीआई ने कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से निपटने की जरूरत होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर है।
Edited By: Alok Kumar@alocksone Published : Jun 30, 2022 17:57 IST, Updated : Jun 30, 2022 18:20 IST
Highlights
पिछले काफी समय में लगातार RBI क्रिप्टो लेकर चिंता जता रहा है
हाल के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है
दुनिया के कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया है
RBI गवर्नर शशिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बार फिर अगाह किया है। दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से स्पष्ट तौर पर खतरा है। बिना सही मूल्य के आधार पर मूल्य निकालना केवल सट्टेबाजी है। गौरतलब है कि सरकार विभिन्न हितधारकों और संस्थानों से इनपुट इकट्ठा करने के बाद क्रिप्टोकरेंसी पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार क्रिप्टोकरेंसी के बारे में अपनी चिंता जाहिर कर रहा है। वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के 25वें अंक की प्रस्तावना में दास ने यह भी कहा कि जैसे-जैसे वित्तीय प्रणाली तेजी से डिजिटल होती जा रही है, साइबर जोखिम बढ़ रहे हैं और इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से सजगतापूर्वक निपटने की जरूरत होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर है। रिजर्व बैंक की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह आकलन पेश करने के साथ ही कहा गया है कि बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास भी ‘झटके’ झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी बफर मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरुद्धार की राह पर चल रही है। हालांकि, मुद्रास्फीति के दबाव, बाहरी घटनाक्रम और भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते हालात से सावधानी से निपटने और करीबी निगरानी रखने की जरूरत है।
युद्ध और महंगाई ने बढ़ाई चुनौती
रिपोर्ट कहती है कि यूरोप में युद्ध, मुद्रास्फीति के लगातार ऊंचे स्तर पर बने रहने और कोविड-19 महामारी की कई लहरों से निपटने के लिए केंद्रीय बैंकों द्वारा उठाए गए मौद्रिक कदमों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य काफी अनिश्चितता से भरा हुआ है। आरबीआई की रिपोर्ट बैंकिंग क्षेत्र के बारे में कहती है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी का जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 16.7 प्रतिशत के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया जबकि उनका सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात मार्च, 2022 में 5.9 प्रतिशत के साथ छह साल के निचले स्तर पर आ गया। रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव परीक्षणों से पता चलता है कि एससीबी गंभीर तनाव परिदृश्यों में भी न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं का पालन करने में सक्षम होंगे।
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