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गो फर्स्ट एयरलाइंस को मिली राहत, एनसीएलएटी ने दिवालिया याचिका स्वीकार करने के आदेश को बरकरार रखा

एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के मामलों को देखने के लिये अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है। साथ ही ऋणशोधन प्रक्रिया के तहत उसके निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया था। गो फर्स्ट ने तीन मई से उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 23, 2023 7:11 IST, Updated : May 23, 2023 7:11 IST
गो फर्स्ट - India TV Paisa
Photo:AP गो फर्स्ट

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट की स्वैच्छिक रूप से दिवालियापनप्रक्रिया में जाने की याचिका स्वीकार करने के एनसीएलटी के आदेश को बरकरार रखा। अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने ऋण शोधन कार्यवाही का विरोध कर रही विमान पट्टे पर देने वाली कई कंपनियों से मामले में राहत के लिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास जाने को कहा। एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘ऋणशोधन कार्यवाही को अनुमति देने वाले 10 मई, 2023 के आदेश को बरकरार रखा जाता है।’’ 

तीन मई से उड़ानों का परिचालन बंद 

अपीलीय न्यायाधिकरण ने विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों की चार याचिकाओं पर यह निर्देश दिया। ये कंपनियां हैं, एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लि., जीवाई एविएशन, एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स और इंजन लीजिंग फाइनेंस बी वी (ईएलएफसी)। इन चार कंपनियों ने वाडिया समूह की कंपनी को करीब 22 विमान दिए हुए हैं। विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां एनसीएलटी की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ के निर्णय का विरोध कर रही हैं। निर्णय के तहत एनसीएलटी ने गो फर्स्ट की स्वैच्छिक ऋणशोधन कार्यवाही के आग्रह वाली याचिका को अनुमति दे दी है। एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के मामलों को देखने के लिये अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है। साथ ही ऋणशोधन प्रक्रिया के तहत उसके निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया था। गो फर्स्ट ने तीन मई से उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया है। 

जेट एयरवेज मामले में 30 मई को आएगा आदेश 

पिछले चार साल से बंद चल रही एयरलाइन जेट एयरवेज के मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) 30 मई को आदेश पारित करेगा। जेट एयरवेज के लिए निर्णायक बोली लगाने वाले जालान-कालरॉक गठजोड़ ने अपीलीय न्यायाधिकरण से अपील की थी कि प्रमुख कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भुनाने से रोक दिया जाए। दिवालिया एयरलाइन जेट एयरवेज के कर्जदाताओं और जून, 2021 में दिवाला समाधान बोली जीतने वाले जालान-कालरॉक गठजोड़ के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बैंक गारंटी भुनाने का मामला भी इसी की एक कड़ी है। एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय पीठ ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अंतरिम अर्जी पर सुनवाई पूरी करने के साथ मामले पर अपना आदेश 30 मई को सुनाने की बात कही। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि दोनों ही पक्षों को कर्ज समाधान योजना लागू करने के लिए कदम उठाने होंगे। कर्ज में फंसी एयरलाइन जेट एयरवेज का परिचालन 18 अप्रैल, 2019 से ही बंद है। इसके खिलाफ जून, 2019 में दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू हुई थी और जालान-कालरॉक गठजोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। 

अभी तक कर्ज समाधान योजना को लागू नहीं 

हालांकि, अभी तक कर्ज समाधान योजना को लागू नहीं किया जा सका है। इस बीच, जेट एयरवेज को मिले हवाई परिचालक प्रमाणपत्र (एओसी) की वैधता गत शुक्रवार को समाप्त हो गई। गठजोड़ की तरफ से इस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के लिए अर्जी लगाने के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। 

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