Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. महंगाई के मोर्चे पर आई एक और बुरी खबर, औद्योगिक श्रमिकों के लिए रिटेल मुद्रास्फीति बढ़कर 6.49% हुई

महंगाई के मोर्चे पर आई एक और बुरी खबर, औद्योगिक श्रमिकों के लिए रिटेल मुद्रास्फीति बढ़कर 6.49% हुई

खाद्य मुद्रास्फीति की दर इस साल अगस्त में 6.46 प्रतिशत तथा इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 2.26 प्रतिशत की तुलना में सितंबर, 2022 में 7.76 प्रतिशत रही।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Oct 31, 2022 19:31 IST, Updated : Oct 31, 2022 19:31 IST
महंगाई के मोर्चे पर आई...- India TV Paisa
Photo:PTI महंगाई के मोर्चे पर आई एक और बुरी खबर

महंगाई के मोर्चे पर पस्त होते दिख रहे रिजर्व बैंक के लिए एक और बुरी खबर आई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 6.49 प्रतिशत हो गई। यह अगस्त, 2022 में 5.85 प्रतिशत थी। सरकार की तरफ से सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से खाने-पीने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है। 

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सितंबर, 2022 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 5.85 प्रतिशत तथा गत वर्ष के इसी माह के 4.40 प्रतिशत की तुलना में 6.49 प्रतिशत रही।’’ इसी तरह खाद्य मुद्रास्फीति की दर इस साल अगस्त में 6.46 प्रतिशत तथा इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 2.26 प्रतिशत की तुलना में सितंबर, 2022 में 7.76 प्रतिशत रही। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) सितंबर, 2022 में 1.1 अंक बढ़कर 131.3 अंक के स्तर पर पहुंच गया। यह अगस्त में 130.2 अंक था। 

खाने पीने के सामान हुए महंगे 

सूचकांक में दर्ज वृद्धि का सबसे अधिक प्रभाव खाने-पीने के सामान का रहा। इसके कारण सूचकांक में 0.68 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई। वस्तुओं की बात की जाए, तो चावल, गेहूं का आटा, भैंस का दूध, डेयरी मिल्क, पॉल्ट्री चिकन, गाजर, फूलगोबी, हरा धनिया, प्याज, आलू, टमाटर, वडा, इडली, डोसा इत्यादि सूचकांक को बढ़ाने में जिम्मेदार रहे। दूसरी तरफ ताजा मछली, पाम तेल, सरसों का तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन तेल, सेब, हींग, संतरा, लौकी आदि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित करने का प्रयास किया। 

बेकाबू महंगाई रोकने में फेल रहा RBI

बेकाबू महंगाई रोकने के लिए रिजर्व बैंक इस साल मई से लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है। लेकिन महंगाई है कि रुकने का नाम नहीं ले रही है। रिजर्व बैंक अपने कई प्रयासों में फेल साबित हुआ है और मुद्रास्फीति की दर लगातार रिजर्व बैंक के सहनीय स्तर 6 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। अब छह साल पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का गठन होने के बाद पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार नौ महीनों तक मुद्रास्फीति को निर्धारित दायरे में नहीं रख पाने पर एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा। 

 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement