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सेहत के लिए गुड ऑर्गेनिक खेती का हब बनने की ओर उत्तर प्रदेश, राज्य में 10 गुना बढ़ी किसानों की संख्या

खेती किसानी के जानकार गिरीश पांडेय ने बताया कि योगी-2.0 में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए जो लक्ष्य रखा है उसके अनुसार गंगा के किनारे के सभी जिलों में 10 किलोमीटर के दायरे में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : May 25, 2023 7:31 IST, Updated : May 25, 2023 7:31 IST
ऑर्गेनिक खेती - India TV Paisa
Photo:FILE ऑर्गेनिक खेती

फसलों में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग ने कई तरह की स्वास्थ्य समस्या को जन्म दिया है। उर्वरकों वाले अनाज खाने से लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्या को जन्म दिया है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के किसानों ने एक बार फिर ऑर्गेनिक खेती की ओर रुख किया है। पिछले छह सालों में ऑर्गेनिक खेती करने वालों किसानों की संख्या दस गुना बढ़ी है। आंकड़े बता रहे हैं कि औसतन हर वर्ष लगभग दो गुना का इजाफा हो रहा है। सरकार की ओर से मिले आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश प्रदेश में वर्ष 2015-2016 में ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों की संख्या 28,750 थी। 2022-2023 में यह बढ़कर 2,89,687 हो गई।

ऑर्गेनिक खेती की संभावना तेजी से बढ़ी 

अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के मद्देनजर सरकार जिस तरह मोटे अनाजों की ऑर्गेनिक खेती पर जोर दे रही है, उससे इस तरह की खेती की संभावना और बढ़ जाती है। क्योंकि मोटे अनाजों की प्रमुख फसलें सावां, कोदो, मडुआ/रागी, टांगुन एवं बाजरा आदि परंपरागत रूप से प्राकृतिक तरीके से उगाई जाती रहीं हैं। न्यूनतम पानी, खाद, प्रतिकूल मौसम में भी उगना, रोगों एवं कीटों के प्रति प्रतिरोधी होना इनकी खूबी रही है। ऐसे में थोड़ी सी तकनीक की मदद से इनकी जैविक एवं प्राकृतिक खेती परंपरागत फसलों की तुलना में अधिक संभावना वाली है।

उत्तर प्रदेश बन सकता है हब 

विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर प्रदेश ऑर्गेनिक खेती के लिहाज से भारत का हब बन सकता है। इसकी खासी संभावना भी है। मसलन जिस इंडो गैंजेटिक बेल्ट का शुमार दुनिया की उर्वरतम भूमि में होता है, उसका अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही आता है। पूरे साल बहने वाली गंगा, यमुना, सरयू जैसी नदियां और हर तरह की खेतीबाड़ी के लिए उपयुक्त 9 तरह के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) के कारण उत्तर प्रदेश ऐसा करने में सक्षम है। इस बाबत लगातार प्रयास भी जारी हैं। प्रदेश सरकार किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुचाने के उद्देश्य से राज्य के 70 जिलों में 110000 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में ऑर्गेनिक खेती का कार्य प्रारम्भ करने जा रही है। जानकर बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में जैविक खेती के लिए भरपूर बुनियादी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। सरकार इन सुविधाओं में लगातार विस्तार भी कर रही है। मसलन जैविक खेती का मुख्यालय नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फॉमिर्ंग (एनसीओएफ) गाजियाबाद में स्थित है। देश की सबसे बड़ी जैविक उत्पादन कंपनी उत्तर प्रदेश की ही है। यहां प्रदेश के एक बड़े हिस्से में अब भी परंपरागत खेती होती है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इसके किनारों पर जैविक खेती की संभावनाओं को और बढ़ा देती है।

10 किमी के दायरे में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा 

खेती किसानी के जानकार गिरीश पांडेय ने बताया कि योगी-2.0 में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए जो लक्ष्य रखा है उसके अनुसार गंगा के किनारे के सभी जिलों में 10 किलोमीटर के दायरे में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। बुंदेलखंड के सभी जिलों में गो आधारित जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे इस पूरे क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या हल करने में मदद मिलेगी। प्रदेश के हर ब्लॉक में जैविक खेती को विस्तार दिया जाएगा। ऐसे उत्पादों के अलग ब्रांड स्थापित करने की मंशा से हर मंडी में जैविक आउटलेट के लिए अलग जगह का निर्धारण किया गया है।

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