Wednesday, April 17, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. फायदे की खबर
  4. डिफॉल्‍टर्स को भी कानून देता है अधिकार, बैंक नहीं कर सकते तत्‍काल कार्रवाई

डिफॉल्‍टर्स को भी कानून देता है अधिकार, बैंक नहीं कर सकते तत्‍काल कार्रवाई

लेकिन आपको पता होना चाहिए कि डिफॉल्‍ट की स्थिति में ऐसे नियम हैं, जो बैंक के रिकवरी एजेंट की ऐसी हरकत पर लगाम लगाते हैं। डिफॉल्‍टर्स के भी कुछ अधिकार हैं।

Surbhi Jain Surbhi Jain
Updated on: April 28, 2016 17:16 IST
“Not A Crime”: डिफॉल्‍टर्स को भी कानून देता है अधिकार, बैंक नहीं कर सकते तत्‍काल कार्रवाई- India TV Paisa
“Not A Crime”: डिफॉल्‍टर्स को भी कानून देता है अधिकार, बैंक नहीं कर सकते तत्‍काल कार्रवाई

नई दिल्‍ली। बैंकों के करोड़ों रुपए का लोन डिफॉल्‍ट करने वाले विजय माल्‍या पर कार्रवाई के लिए भले ही बैंक छटपटा रहे हों। लेकिन यदि आप कुछ हजार रुपए के डिफॉल्‍टर्स हैं तो बैंक के रिकवरी एजेंट कर्ज चुकता करने के लिए दबाव डालते हैं, वहीं कई बार लीगल नोटिस और कुर्की की धमकियां भी दी जाती हैं। आज के समय में कई बार हम क्षमता से ज्‍यादा कर्ज ले लेते हैं, जिसे चुकाना हमारे बस में नहीं होता। वहीं नौकरी छूटने या अन्‍य कारणों से भी हम लोन डिफॉल्‍ट कर देते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि डिफॉल्‍ट की स्थिति में ऐसे नियम हैं, जो बैंक के रिकवरी एजेंट की ऐसी हरकत पर लगाम लगाते हैं। इंडिया टीवी पैसा की टीम आज आपको ऐेस ही कानूनी अधिकारों के बारे में बताने जा रही है, जो डिफॉल्‍ट करने पर आपको हासिल होते हैं।

सरफेसी एक्‍ट के तहत आपको मिलते हैं अधिकार

बैंक का कर्ज डिफॉल्ट करने से बैंक तुरंत आप पर कार्रवाई नहीं कर सकता। डिफाल्‍ट करने पर बैंकों को एक निर्धारित प्रोसेस का पालन करना होता है। बकाया रकम की वसूली के लिए आपकी एसेट्स पर कब्जा करने से पहले आपको लोन चुकाने का समय देना होता है।आमतौर पर बैंक इस तरह की कार्रवाई सिक्योरिटाइजेशन एंड रिस्कंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट्स (सरफेसी एक्ट) के तहत करते हैं।

तस्वीरों में जानिए चेक पर लिखे नंबरों का मतलब

Cheque numbers

Gold2   IndiaTV Paisa

Gold-1 (1)   IndiaTV Paisa

gold3 (1)   IndiaTV Paisa

gold5   IndiaTV Paisa

gold4   IndiaTV Paisa

बैंक को देना होता है 60 दिनों का नोटिस

अगर कर्ज लेने वाले का एकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) की कैटेगरी में डाला गया है, जहां पेमेंट 90 दिनों या इससे अधिक समय से बकाया है, तो लेंडर को पहले डिफॉल्टर को 60 दिन का नोटिस देना होता है।बैंकिंग एंड मैनेजमेंट कंसल्टेंट वी एन कुलकर्णी ने बताया कि एसेट्स की बिक्री के लिए बैंक को 30 दिनों का पब्लिक नोटिस देना होता है जिसमें बिक्री की डिटेल्स होती हैं।

नीलामी से पहले भी बैंक को देनी होती है सूचना

अगर आप 60 दिनों की नोटिस की अवधि के दौरान अपनी बकाया रकम चुकाने या जवाब देने में असफल रहते हैं तो लेंडर अपनी रकम की वसूली के लिए आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी शुरू कर देता है। हालांकि, ऐसा करने से पहले उसे एक अन्य नोटिस देना होता है जिसमें बैंक के वैल्युअर्स की ओर से आंकी गई एसेट्स की वैल्यू की जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही इसमें रिजर्व प्राइस, नीलामी की तिथि और समय जैसी अन्य जानकारियां भी होती हैं।

बैंक नहीं घटा सकता एसेट्स की कीमत

अगर प्रॉपर्टी की वैल्यू कम लगाई गई है तो बॉरोअर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। वह अपनी ओर से कोई बेहतर ऑफर देकर अपनी आपत्ति को सही ठहरा सकता है। अन्य शब्दों में कहा जाए तो बॉरोअर खुद से बेहतर प्राइस की पेशकश करने वाले संभावित बायर्स की खोज कर सकता है और उन्हें लेंडर से मिलवा सकता है।

संपत्ति से बची रकम पर आपका अधिकार

बैंक जब आपकी संपत्ति नीलाम करता है, तो उसके पास सिर्फ उतनी संपत्ति रखने का अधिकार है जितनी रकम उधार ली गई है। लेंडर्स को अपनी बकाया रकम वसूलने के बाद बाकी बची किसी भी रकम को रिफंड करना होता है। बकाया रकम और नीलामी आयोजित करने के सभी खर्चों की वसूली के बाद बैंक को कानून के तहत बाकी बची रकम बॉरोअर को देनी होती है।

प्रताडि़त न करने का अधिकार

यह न भूलें कि बैंकों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का नियंत्रण है और वे अपनी बकाया रकम की वसूली के लिए साहूकारों की तरह व्यवहार नहीं कर सकते। रिकवरी एजेंट्स के लोगों को प्रताड़ित करने की रिपोर्ट्स आने के बाद आरबीआई ने कुछ वर्ष पहले इस मुद्दे पर बैंकों को कड़ी फटकार लगाई थी। बैंकों ने भी कस्टमर्स के लिए अपने कोड ऑफ कमिटमेंट के तहत बेस्ट प्रैक्टिसेज का स्वेच्छा से पालन करने का फैसला किया है।एजेंट्स केवल बॉरोअर की पसंद वाले स्थान पर उनसे संपर्क कर सकते हैं। अगर बॉरोअर ने ऐसा कोई स्थान नहीं बताया तो एजेंट बॉरोअर के घर या कार्यस्थान पर जा सकते हैं। एजेंट्स को बॉरोअर की प्राइवेसी का ध्यान रखना होता है। वे केवल सुबह सात बजे से शाम सात बजे के बीच ही बॉरोअर के पास जा सकते हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। My Profit News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement