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जियो कोडिंग से हो रही है फर्जी कंपनियों की पहचान, जीएसटी विभाग ने इसके लिए तैयार किया खास प्लान

GST Department: जब से देश में जीएसटी लागू हुआ है। कई चीजें पहले से आसान हुई है। इस बीच फर्जी कंपनियों की संख्या में भी वृ्द्धि देखने को मिली है। अब उसपर लगाम लगना शुरू हो गया है।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: July 08, 2023 17:14 IST
GST Department- India TV Paisa
Photo:FILE GST Department

Geocoding: जीएसटी नेटवर्क ने शुक्रवार को कहा कि उसने रजिस्टर्ड कंपनियों के 1.8 करोड़ से अधिक पते-ठिकानों का ‘जियो-कोडिंग’ किया है और यह सुविधा अब सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिये उपलब्ध है। जियो-कोडिंग से रजिस्टर्ड इकाइयों के सही ठिकाने का पता लगाने और फर्जी रजिस्ट्रेशन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) पहले ही कुछ राज्यों में जियो-कोडिंग के लिये एक पायलट कार्यक्रम चला चुका है। जीएसटी नेटवर्क ने कहा कि कंपनियों के मूल ठिकाने के पते को जियो-कोडिंग करने की सुविधा अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये उपलब्ध है। इस व्यवस्था के तहत किसी स्थान के पते या ठिकाने के विवरण को भौगोलिक स्थिति (आक्षांश और देशांतर) में बदला जा सकता है। इस पहल का मकसद जीएसटी नेटवर्क के रिकॉर्ड में यह सुनिश्चित करना है कि कंपनी का पता-ठिकाना पूरी तरह से सटीक है। साथ ही इसके जरिये पता और सत्यापन प्रक्रिया को दुरूस्त बनाना है। 

क्या कहता है रिपोर्ट?

जीएसटीएन ने कहा कि कंपनियों के प्रमुख ठिकानों के 1.8 करोड़ से अधिक पतों को सफलतापूर्वक जियो-कोड किया गया है। इसके अलावा, मार्च 2022 के बाद के सभी नये पते पंजीकरण के समय ही जियो-कोड किये गये हैं, ताकि पते के विवरण की सटीकता और मानकीकरण सुनिश्चित हो सके। बता दें कि जीएसटी कलेक्शन में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ फर्जी कंपनियां धड़ल्ले से गैर कानूनी काम कर रही है, तो वहीं सरकार उन्हें पकड़ने के लिए खास प्लान बना रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार,  जीएसटी संग्रह जून में 12 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। आपको बता दें कि यह चौथी बार है जब जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। जानकारों का कहना है कि सरकारी के लिए यह अच्छी खबर है। टैक्स कलेक्शन बढ़ने से सरकार विकास के कार्यों पर ज्यादा खर्च कर पाएगी। साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं पर भी आवंटन बढ़ेगा, जिससे आम लोगों को फायदा मिलेगा। 

छह साल पहले जीएसटी लागू हुआ था 

छह साल पहले एक जुलाई, 2017 को जीएसटी कर व्यवस्था लागू होने के बाद से सकल कर संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह क्रमशः 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.51 लाख करोड़ रुपये और 1.69 लाख करोड़ रुपये है। बयान में कहा गया कि जून 2023 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्रीय जीएसटी 31,013 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 38,292 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 80,292 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 39,035 करोड़ रुपये सहित) है। 

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