जिन कर्मचारियों के पास पहले से ही यूएएन नंबर हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक अपने यूएएन को एक्टिवेट नहीं किया है, वे लोग भी उमंग ऐप पर जाकर अपने यूएएन नंबर को एक्टिवेट कर सकते हैं।
ईपीएफओ की इस पहल से 7.5 करोड़ सब्सक्राइबर्स (सदस्यों) को बड़ी सुविधा मिल जाएगी। ईपीएफओ के प्रस्ताव की सिफारिश को सीबीटी द्वारा आखिरी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
सुमिता डावरा ने कहा कि ईपीएफओ के मेंबर्स जल्द ही इस साल मई या जून के अंत तक यूपीआई और एटीएम के जरिए अपने पीएफ खाते से पैसे निकाल सकेंगे। उन्होंने कहा, "मई के अंत या जून तक, सदस्यों को अपने भविष्य निधि तक पहुंचने में एक परिवर्तनकारी बदलाव देखने को मिलेगा।
पहले, ईपीएफ खाते में डिटेल्स अपडेट कराने के लिए कंपनी से वेरिफिकेशन कराने की जरूरत होती थी, जिसमें 28 दिनों तक का समय लग जाता था। अब, 45 प्रतिशत रिक्वेस्ट कर्मचारियों द्वारा सेल्फ-अप्रूव्ड किए जा सकते हैं और 50% रिक्वेस्ट के लिए EPFO की भागीदारी के बिना सिर्फ कंपनी के अप्रूवल की जरूरत होती है।
ईपीएफओ ने मार्च 2022 में अपने सात करोड़ से ज्यादा मेंबर्स के लिए वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज को 4 दशक के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ला दिया था, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 8.5 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर थी।
टॉप पांच राज्य/केंद्र शासित प्रदेश लगभग 59. 84 प्रतिशत शुद्ध पेरोल वृद्धि का गठन करते हैं, जिससे महीने के दौरान कुल 9. 60 लाख शुद्ध पेरोल जुड़ते हैं। महाराष्ट्र महीने के दौरान 21. 71 प्रतिशत शुद्ध पेरोल जोड़कर आगे रहा।
नवंबर के पेरोल आंकड़ों के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से लगभग 14.39 लाख सदस्य निकल गए और बाद में दोबारा संगठन से जुड़ गए। यह आंकड़ा पिछले महीने यानी अक्टूबर, 2024 की तुलना में 11.47 प्रतिशत और सालाना आधार पर नवंबर, 2024 में 34.75 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि है।
मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ सदस्यों द्वारा दर्ज लगभग 27 प्रतिशत शिकायतें सदस्य प्रोफाइल/ केवाईसी मुद्दों से संबंधित हैं और इस सुविधा के शुरू होने के बाद इन शिकायतों में उल्लेखनीय रूप से गिरावट आएगी।
यदि कोई व्यक्ति खुद को ईपीएफओ का कर्मचारी बताकर आपको फोन कॉल, मैसेज, वॉट्सऐप, ईमेल आदि के जरिए आपके ईपीएफओ खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारियां- यूएएन नंबर, पासवर्ड, पैन नंबर, आधार नंबर, बैंक खाते की डिटेल्स, ओटीपी पूछता है तो उसे कोई भी जानकारी न दें।
इस योजना के तहत, ईपीएफओ ग्राहकों को एक एमटीएम कार्ड मिलेंगे, जिनका उपयोग एटीएम से पैसा निकालने में होगा।
ईपीएफओ ने देश भर में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) शुरू कर दी है। ईपीएफओ की इस पहल से उन पेंशनभोगियों को बड़ी राहत होगी जो रिटायरमेंट के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।
इस सुविधा की शुरुआत करने के लिए ईपीएफओ, आरबीआई और प्रमुख बैंकों के साथ सलाह-मशवरा करने जा रहा है, ताकि इस सिस्टम को आखिर कैसे स्थापित किया जा सकता है। इस पर एक रोडमैप तैयार किया जा सके।
नियोक्ता/कंपनी न सिर्फ पीएफ फंड में योगदान करता है, बल्कि कर्मचारी की पेंशन के लिए भी जरूरी योगदान करता है जिसका इस्तेमाल कर्मचारी द्वारा रिटायरमेंट के बाद किया जा सकता है।
अक्टूबर से स्पाइसजेट अपने आंतरिक नकदी प्रवाह का इस्तेमाल अपने वैधानिक दायित्वों को पूरा करने के लिए कर रही है। इसमें भविष्य निधि और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) पेमेंट भी शामिल हैं।
फॉर्म 13 का इस्तेमाल कर्मचारी की पिछली नौकरी से वर्तमान नौकरी में पीएफ राशि को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इससे पीएफ का सारा पैसा एक खाते में रखने में मदद मिलती है।
सुमिता डावरा ने बताया कि अगले साल जनवरी में आईटी 2.1 अपग्रेड लागू होने की उम्मीद है, जिसके बाद ईपीएफओ का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर देश के बैंकिंग सिस्टम जैसा हो जाएगा। जिससे ईपीएफओ मेंबर और पेंशनर कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ अपने ईपीएफ खाते में जमा पैसों का एक्सेस मिल जाएगा।
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में रोजगार से जुडी प्रोत्साहन योजना के लिए तीन योजना ए,बी और सी की घोषणा की गई थी। इसमें 2 लाख करोड़ रुपये के खर्च के साथ 5 साल में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और दूसरे मौके पैदा करने का टार्गेट रखा गया है।
इस बीच, ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि अगर सदस्यों के पास पहले से यूएएन नहीं है तो उन्हें यूएएन अनिवार्य रूप से जनरेट करना होगा।
ईपीएफओ के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अपने बंद पड़े खाते को दोबारा शुरू करा सकता है और खाते में जमा पैसों का एक्सेस प्राप्त कर सकता है। अगर आपका खाता UAN न होने की वजह से बंद हो गया है तो आपको ईपीएफओ के दफ्तर जाना होगा और यूएएन नंबर के लिए अप्लाई करना होगा।
PF कटने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उन्हें पीएफ योगदान पर ज्यादा पेंशन पाने का मौका मिल सकता है। इसके लिए श्रम मंत्रालय नियम में बदलाव की तैयारी कर रहा है।
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