बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय राज्य मंत्री पैनल GoM GST दरों के पुनर्गठन और सुधार के लिए काम कर रहा है। यह पैनल पहले भी कर दरों को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दे चुका है।
रोजमर्रा के सामानों पर लगाए जाने वाले 12 प्रतिशत की जीएसटी दर के स्लैब को कम करने के लिए राज्यों की सहमति भी बेहद जरूरी होगी। स्लैब में कमी करने से मध्यम और निम्न मध्यवर्ग को फायदा होगा।
उन्होंने कहा, ''हम इसे अगली परिषद (बैठक) में ले जाएंगे। हम कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे दरों में कटौती, तर्कसंगत बनाने, स्लैब की संख्या पर विचार करने आदि पर अंतिम निर्णय लेने के बहुत करीब हैं।''
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने गत 17 सितंबर को हुई बैठक में इन दो मंत्री समूहों का गठन करने का फैसला किया था।
डेयरी उत्पादों पर जीएसटी की दरें घटाने की मांग पर चंद ने कहा कि ऐसे उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर काफी-काफी उचित है।
राज्यों से मुआवजा देने की मांग जोर पकड़ रही है और जीएसटी संग्रह में लगातार गिरावट से सरकार पर भारी दबाव बना हुआ है। जीएसटी परिषद ने राजस्व बढ़ाने के लिए सभी प्रतिभागियों से प्रस्ताव, सुझाव और जानकारी मांगी है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि 99 प्रतिशत सामान या चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत और इससे नीचे वाले टैक्स स्लैब में रहें।
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि GST के क्रियान्वयन के बाद शुरुआत में उल्लंघनों में जुर्माने लगाने में उदारता बरती जाएगी।
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