केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि सभी राज्यों को प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाने का निर्देश दे दिया गया है।
इस साल मई के दौरान देश से कुल 3,78,809.13 टन प्याज निर्यात हो चुका है जबकि पिछले साल मई के दौरान देश से सिर्फ 1,66,035.85 टन का एक्सपोर्ट दर्ज किया गया था।
प्याज की कीमतें आज महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में दो गुना से ज्यादा बढ़कर 26 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई हैं। यह एशिया की सबसे बड़ी प्याज की थोक मंडी है
बुधवार को दिल्ली से सटे गुरुग्राम में प्याज का खुदरा भाव 30 रुपए/किलो दर्ज किया गया। एक महीना पहले भाव 15 रुपए/किलो पर बिक रहा था
लासलगांव में गुरुवार को प्याज का भाव 1250 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 18 महीने में यानि जनवरी 2016 के बाद सबसे अधिक भाव है।
मंगलवार को लासलगांव में प्याज का औसत भाव 9.11 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया जो नवंबर 2016 के बाद सबसे अधिक भाव है।
प्याज का भाव सस्ता होने की वजह से 2016-17 के दौरान प्याज के निर्यात में 3 गुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, लेकिन किसानों को फायदा नहीं हुआ
केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि ओडिशा में प्याज की कीमतें भारी गिरावट के साथ 3-4 रुपए प्रति किलो रह गई हैं
किसान ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि जिला कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) में लगभग एक टन प्याज बेचकर वह केवल एक रुपया ही कमा सका है।
सरकार ने बफर स्टाक बनाने के लिए किसानों से अभी तक सीधे 2,300 टन प्याज की खरीद की है। इसका मकसद प्याज कीमतों में तेजी आने पर अंकुश लगाना है।
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