सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर लगाई गई रोक को अगले साल एक जनवरी से हटाने का फैसला किया है।
कृषि मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को लेकर आम लोगों में चिंता है। इसको देखते हुए प्याज आयात के नियमों में दी गयी ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है।
देश में प्याज का उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा होने पर भी घरेलू आपूर्ति का टोटा हो गया है और प्याज घरेलू खपत के मुकाबले आपूर्ति की कमी दूर कर इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए भारत को विदेशों से प्याज मंगाना पड़ रहा है।
नाफेड ने कहा कि इस बार उसने प्याज की गुणवत्ता और आकार पर खासतौर से जोर दिया है, जो भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद से मेल खाता हो।
राजस्थान के उदयपुर और पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट में प्याज की कीमत सबसे कम 35 रुपये किलो है। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का खुदरा मूल्य 65 रुपये किलो, कोलकाता में 70 रुपये किलो और चेन्नई में 72 रुपये किलो रहा है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है।
पहले 60 रुपए किलो मिलने वाली प्याज की कीमत 80 से लेकर 100 रुपए किलो तक पहुंच गई है।
सरकार ने हालांकि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को भांपते हुए पहले ही निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन हाल ही में सीमित मात्रा में कुछ प्याज की किस्मों के निर्यात को अनुमती दी है। हालांकि निर्यात होने वाले प्याज की मात्रा बहुत ही कम है।
घरेलू मार्केट में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने पिछले महीने ही इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। लेकिन भारत से प्याज आयात करने वाले देशों ने निर्यात में कुछ ढील दिए जाने की मांग की थी जिसे देखते हुए सरकार ने अब सीमित मात्रा में प्याज की कुछ किस्मों के निर्यात पर ढील दे दी है।
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक सोमवार को कोलकाता में टमाटर का खुदरा भाव 100 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया है। सितंबर के दौरान कोलकाता में टमाटर की कीमतों में 40 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है
सरकार ने सितंबर 2019 में प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी और 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) भी तय किया था।
सरकार ने कृष्णापुरम प्याज का कुछ शर्तों के साथ निर्यात करने की अनुमति दे दी है। यह आंध्र प्रदेश के कृष्णामुरम इलाकें की खास किस्म की प्याज है।
आयातित प्याज की नरम मांग को देखते हुए एमएमटीसी ने अभी तक महज 14 हजार टन प्याज की ही खरीद की है, जबकि उसने 40 हजार टन प्याज आयात करने के ठेके दिए हैं।
चालू रबी सीजन में प्याज की पैदावार बढ़ने के मद्देनजर केंद्र सरकार इसके निर्यात पर प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रही है।
केंद्र ने अगले साल प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाने का निर्णय किया है। हाल में प्याज के दाम में उछाल तथा आगे ऐसी स्थिति से बचने के लिये यह कदम उठाया जा रहा है।
देशभर में प्याज की आसमान छूती कीमतों ने अब रिजर्व बैंक को भी परेशान करना शुरू कर दिया है।
सरकारी स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म एमएमटीसी ने प्याज की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तुर्की से 12,500 टन और प्याज मंगवाने के लिए अनुबंध किया है।
दिल्ली में प्याज की कीमतों में शुक्रवार को मामूली नरमी रही जबकि देश के कई शहरों में खुदरा प्याज 150 रुपए से ऊपर के भाव पर बना हुआ था।
देश में प्याज की सप्लाई को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 12,660 मीट्रिक टन प्याज के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है।
अफगानिस्तान से प्याज की आपूर्ति बढ़ने से दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में प्याज के दाम में गिरावट आई है।
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