यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि पर्सनल लोन की सीमा भी बैंक द्वारा निर्धारित सीमा के अधीन है। कुछ बैंक ₹25 लाख से ज्यादा पर्सनल लोन मंजूर नहीं करते हैं।
Bank of Maharashtra ने कहा कि ब्याज दरों में कमी का यह लाभ बैंक की अपने सभी ग्राहकों को सर्वोत्तम वित्तपोषण समाधान प्रदान करने और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बहुत सारे लोग जमीन खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं। क्या यह सही फैसला है?
पर्सनल लोन न चुकाने पर बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकता है, रिकवरी एजेंटों को भेज सकता है जो परेशान कर सकते हैं। साथ ही आपका सिबिल स्कोर बुरी तरह खराब हो सकता है।
कई बैंक आपको अपने मौजूदा लोन को बैलेंस ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके तहत बैंक आपको एक नया संभवतः बड़ी राशि का लोन प्रदान करते हैं, जिसका उपयोग आपके पुराने लोन को चुकाने और अतिरिक्त धन प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
पैसे की तुरंत जुरूरत में सबसे आसान तरीका पर्सनल लोन होता है। बैंक से लेकर एनबीएफसी पर्सनल लोन देते हैं। अब डिजिटल वॉलेट भी इस बिजनेस में आ गए हैं।
पर्सलन लोन में आपको बैंक द्वारा एकमुश्त रकम मिलती है, जिसका इस्तेमाल आप कई उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं। इससे आप कार भी खरीद सकते हैं।
जब लोन देने वाले बैंक किसी व्यक्ति से कर्ज की राशि वसूलने में असमर्थ होते हैं, तो वे वसूली के लिए डेट कलेक्शन एजेंसियों को नियुक्त कर सकते हैं।
नियमों के मुताबिक, अगर लोन लेने के बाद किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो बैंक सबसे पहले उस लोन के को-ऐप्लिकैंट को कॉन्टैक्ट करते हैं। ऐसे मामले में अगर कोई को-ऐप्लिकैंट ही नहीं है या फिर को-ऐप्लिकैंट लोन की भरपाई के लिए असमर्थ है तो फिर बैंक गारंटर से संपर्क करते हैं।
अगर आपके पास ईएमआई चुकाने जितनी रकम नहीं है तो आप बैंक से बात करके लोन को रीस्ट्रक्चर भी करवा सकते हैं। इसमें लोन की ईएमआई कम हो जाती है लेकिन लोन चुकाने की अवधि बढ़ जाती है।
कई बार लोग क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करने के लिए पर्सनल लोन ले लेते हैं। जब नियमित वेतन मिल रहा हो, तो हर किसी को लगता है कि वह आसानी से पर्सनल लोन की किस्त चुका देगा। लेकिन यह आसान नहीं होता। हो सकता है कि आप कर्ज के जाल में फंस जाएं।
कभी भी एक साथ कई लोन के लिए अप्लाई करने से बचें। यह आपके क्रेडिट प्रोफाइल को प्रभावित कर सकता है। नतीजा यह हो सकता है कि वित्तीय संस्थान या बैंक आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं।
Personal Loan : अगर आप ईएमआई चुकाने में 90 दिनों से ज्यादा की देरी करते हैं, तो आपको डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाएगा। आपके क्रेडिट स्टोर में यह डिफॉल्ट स्थिति वर्षों तक दिखाई देगी।
पहले और सबसे महत्वपूर्ण, इन दोनों में से एक विकल्प चुनने के लिए पात्रता के आधार पर ब्याज दरों, शर्तों, शुल्कों और प्रतिबंधों की तुलना जरूर करें।
अगर आप ब्याज दरों की तुलना करने के लिए बहुत से लेंडर्स से संपर्क करते हैं, तो इससे निगेटिव प्रभाव पड़ सकता है।
आरबीआई ने हाल ही में ईएमआई आधारित पर्सनल लोन पर फ्लोटिंग ब्याज दरों को रीस्ट्रक्चर करने के सर्कुलर के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) का एक सेट जारी किया है।
क्रेडिट स्कोर के बिना लोन प्राप्त करना संभव है। बस आपके पास लोन रीपेमेंट करने के लिए एक पुनर्भुगतान योजना होनी चाहिए क्योंकि पर्सनल लोन पर हमेशा ब्याज दर अधिक होती है।
अगर आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो इसका मतलब है कि आप नए हैं। कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने का मतलब है कोई हाई/लो क्रेडिट स्कोर नहीं है। यह शुरू में एक अच्छी बात लग सकती है, लेकिन जब किसी भी तरह के लोन लेने का समय आता है, तो इससे परेशानी हो सकती है।
अगर आपके पास इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड यूनिट्स हैं तो आपको तुलनात्मक रूप से लोन के रूप में कम पैसे मिलेंगे। लेकिन आपके पास अगर डेट बेस्ड म्यूचुअल फंड यूनिट्स हैं तो आपको ज्यादा लोन मिल सकता है। आइए अब म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले इंस्टैंट लोन के कुछ बड़े फायदे और नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि जब कोई बैंक मृतक उधारकर्ता के बकाया लोन देने का अनुरोध किसी कानूनी उत्तराधिकारी से करता है तो उत्तराधिकारी को केवल मृतक उधारकर्ता से विरासत में मिली कुल संपत्तियों के मूल्य तक बकाया ऋण राशि चुकाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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