पीपीएफ खाता 15 साल में मैच्यॉर हो जाता है। लेकिन आप चाहें तो एक फॉर्म भरकर इसे 5-5 साल के लिए आगे भी बढ़वा सकते हैं।
PPF खाता स्थानांतरित करना एक सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया है, और यह सुनिश्चित करता है कि आपकी मेहनत की कमाई का लाभ बिना किसी रुकावट के जारी रहे। बस सही कदम उठाएं और जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।
पीपीएफ खाता 15 साल में मैच्यॉर हो जाता है। लेकिन आप चाहें तो एक फॉर्म भरकर इसे 5-5 साल के लिए आगे भी बढ़वा सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ स्कीम पर अभी 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिल रहा है। इस स्कीम में सालाना कम से कम 1000 रुपये जमा कर खाता खुलवाया जा सकता है।
स्कीम में निवेश करने पर आप आयकर धारा 80C के तहत 1,50,000 रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा करने के भी पात्र बन जाते हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीपीएफ खातों के लिए नामांकित व्यक्तियों के अपडेशन पर किसी भी शुल्क को हटाने के लिए 2 अप्रैल, 2025 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से नियम में बदलाव किए गए हैं।
पीपीएफ खाता 15 साल में मैच्यॉर हो जाता है। लेकिन आप चाहें तो एक फॉर्म भरकर इसे अगले 5 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। किसी भी पीपीएफ खाते को 5-5 साल के लिए बढ़ाकर अधिकतम 50 साल तक चलाया जा सकता है। पीपीएफ खाते को किसी भी बैंक में खुलवाया जा सकता है।
पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी निवेश स्कीम है, जो केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है। अब ये एक सरकारी स्कीम है तो इसमें आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। पीपीएफ पर अभी 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिल रहा है। देश के किसी भी बैंक में पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है।
केंद्र सरकार, पीपीएफ पर अभी 7.1 प्रतिशत का सालाना ब्याज दे रही है। इस स्कीम में सालाना कम से कम 500 रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं। ये स्कीम 15 साल में मैच्यॉर हो जाती है। लेकिन, इसे 5-5 साल के अंतराल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
पीपीएफ में आपको हर साल पैसा जमा कराना होता है। पीपीएफ खाते में अगर आपने एक साल में कम से कम 500 रुपये भी जमा नहीं किए तो आपका खाता बंद कर दिया जाता है। देशभर के तमाम बैंक और डाकघरों में पीपीएफ खाता खोला जाता है।
नियमों के मुताबिक, पीपीएफ में अकाउंट होल्डर को साल में कम से कम 500 रुपये जरूर डिपोजिट करना चाहिए। जब कस्टमर यह मिनिमम अमाउंट भी उस साल जमा नहीं किया जाता है तो पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव कैटेगरी में शामिल कर लिया जाता है।
पीपीएफ अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में से कही एक जगह ही खोला जा सकता है। पीपीएफ दरअसल, भारत सरकार की एक बचत स्कीम है। पीपीएफ खाता खोलने का एक और फायदा यह है कि इससे व्यक्ति अपने खाते की बैलेंस राशि पर लोन ले सकता है।
पीपीएफ में निवेश के लिए आप बैंक या पोस्ट ऑफिस में आधार कार्ड और दूसरी जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ फॉर्म भरकर अकाउंट ओपन करा सकते हैं।
आप अपने नाम पर या किसी नाबालिग के अभिभावक के रूप में पीपीएफ एकाउंट खुलवा सकते हैं। वर्तमान में पीपीएफ एकाउंट में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है।
इस स्कीम में निवेश पर आपको इनकम टैक्स में 80C के तहत आयकर छूट का लाभ मिलता है। वहीं, इसके ब्याज से होने वाली आय पूरी तरह आयकर के दायरे से बाहर होती है।
पीपीएफ एकाउंट को परिपक्वता अवधि के बाद भी बिना कोई राशि जमा किए चालू रखा जा सकता है
पीपीएफ खाते पर सरकार द्वारा तय की जाने वाली दर के हिसाब से ब्याज दिया जाता है। पीपीएफ खाते में राशि जमा करने पर टैक्स कटौती का लाभ भी मिलता है।
बचत को लेकर पुरूषों के मुकाबले महिलाएं कुछ ज्यादा ही सतर्क होती हैं। एक सर्वे के अनुसार करीब 58 प्रतिशत महिलाएं अपना पैसा मियादी जमा या लोक भविष्य निधि में जमा करना चाहती हैं।
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सुरक्षित होने के साथ-साथ PPF 8.1% वार्षिक ब्याज देता है जो साल दर साल जुड़ता जाता है। धारा 80सी के तहत यह इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी देता है।
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