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PPF एकाउंट खुलवाने से पहले जान लीजिए इसके बारे में सबकुछ, होगा फायदा या नुकसान

इस स्कीम में निवेश पर आपको इनकम टैक्स में 80C के तहत आयकर छूट का लाभ मिलता है। वहीं, इसके ब्याज से होने वाली आय पूरी तरह आयकर के दायरे से बाहर होती है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 30, 2020 14:06 IST
public provident fund (PPF) know eligibility, interest rate and maturity benefit- India TV Paisa
Photo:TAXGURU

public provident fund (PPF) know eligibility, interest rate and maturity benefit

कोरोना वायरस महामारी संकट के मौजूदा दौर में हर कोई निश्चित आमदनी वाले फंड में निवेश करना चाहता है। गारंटीड रिटर्न वाले फंड की बात की जाए तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) ऐसी स्कीम में शामिल है, जिस पर कई अन्य फंड्स की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है। इस वजह से पीपीएफ देश में सबसे लोकप्रिय सेविंग फंड्स में से एक है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड 15 साल की निवेश योजना है। साथ ही यह स्कीम ट्रिपल ई (एक्जेम्‍प्‍ट, एक्जेम्‍प्‍ट, एक्जेम्‍प्‍ट) श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि इस योजना में निवेश, ब्याज से होने वाली आय और परिपक्‍वता लाभ पर आपको टैक्स छूट का लाभ मिलता है। 

आप अपने नाम पर या किसी नाबालिग के अभिभावक के रूप में पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। वर्तमान में पीपीएफ अकाउंट में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है। आप अधिकतम 12 ट्रांजैक्शन के जरिए निवेश कर सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखने वाली बात यह है कि पीपीएफ खाते में सालाना 1.5 लाख रुपये का निवेश करते हैं तो अतिरिक्त राशि पर आपको किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है और ना ही इस राशि पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट की मेच्योरिटी अवधि 15 साल की होती है। हालांकि, मेच्योरिटी के बाद आप आवेदन देकर एक या अधिक मौकों पर मेच्योरिटी अवधि को बढ़वा सकते हैं। एक बार आवेदन करने पर मेच्योरिटी अवधि पांच साल के लिए बढ़ जाती है। 

सरकार हर तिमाही की शुरुआत में पीपीएफ पर ब्याज की दर तय करती है। वर्तमान में यह दर 7.1 फीसद पर है। हर साल के 31 मार्च को ब्याज का भुगतान किया जाता है। आप पोस्ट-ऑफिस या बैंकों में पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं।

इस स्कीम में निवेश पर आपको इनकम टैक्स में 80C के तहत आयकर छूट का लाभ मिलता है। वहीं, इसके ब्याज से होने वाली आय पूरी तरह आयकर के दायरे से बाहर होती है। 

लोन और निकासी इस बात पर निर्भर करती है कि आपका पीपीएफ अकाउंट कितना पुराना है और उसमें कितनी राशि जमा है। आप निवेश के तीसरे से छठे वर्ष के दौरान लोन ले सकते हैं। वहीं, सातवें वित्त वर्ष से आंशिक निकासी की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

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